• December 26, 2025

सच्चाई से उलट है मीरजापुर वेब सीरीज, विश्व फलक पर विंध्यवासिनी धाम से है ख्याति

 सच्चाई से उलट है मीरजापुर वेब सीरीज, विश्व फलक पर विंध्यवासिनी धाम से है ख्याति

मीरजापुर, 29 जून मीरजापुर वेब सीरीज जैसा मीरजापुर नहीं है। मीरजापुर वेब सीरीज सच्चाई से उलट है। प्राचीन आध्यात्मिक नगरी मीरजापुर की विश्व फलक पर विंध्यवासिनी धाम से अलग पहचान है। मीरजापुर वेब सीरीज के कारण मीरजापुर की खराब होती छवि को लेकर जनपद के कई सामाजिक संगठनों ने एक सुर में आवाज उठाई है।

मीरजापुर दरी कारपेट, मेडिकल एसोसिएशन, अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महंत डॉ. योगानंद गिरि ने मीरजापुर के चारित्रिक हनन व जिले के नाम के दुष्प्रचार को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि मीरजापुर वेब सीरीज मीरजापुर की छवि को धूमिल कर रहा है। मीरजापुर जनपद एक प्राचीन एवं अध्यात्म की नगरी है। मीरजापुर साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण जनपद है। मीरजापुर वेब सीरीज में हिंसा, अपराध, गैंगवार आदि को प्रमुखता दी गई है। इससे असल मीरजापुर की छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बाहर के लोग मीरजापुर वासियों के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। सीरीज के कारण युवाओं को गलत प्रेरणा भी मिल रही है, इसीलिए सभी संगठनों ने एक सुर में इस सीरीज को प्रतिबंधित करने की मांग की है। सीरीज बनने की शुरुआत से ही इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग चली आ रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

आइए जानते हैं मीरजापुर के बारे में

स्थानीय लोगों का आरोप है कि वेब सीरीज के जरिए मीरजापुर की छवि खराब करने की कोशिश की गई है और इससे उनकी धार्मिक, सामाजिक और क्षेत्रीय भावना को ठेस पहुंची है। इस कारण लोगों में काफी आक्रोश भी है। इस वेब सीरीज में भले ही जिले की हिंसक छवि को पेश करने की कोशिश रही हो, लेकिन विंध्य क्षेत्र आज भी गंगा-जमुनी तहजीब और आस्था के संगम में गोता लगाता है।

विश्व पटल पर मशहूर मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने के साथ ही सक्तेशगढ़ के परमहंस आश्रम में स्वामी अड़गड़ानंद व देवरहा हंस बाबा आश्रम में संस्कार व भक्तिरस की धारा में डुबकी लगाने विभिन्न देशों से लोग पहुंचते रहते हैं। यही नहीं, चुनार का किला व विंढम फाल समेत विंध्य की पहाड़ियों के रमणीय स्थल बरबस ही सैलानियों को मंत्रमुग्ध करते हैं। यहां की कालीन-दरी, पाटरी व पीतल के बर्तनों की ख्याति भी वैश्विक स्तर पर है, लेकिन चंद कमाई की खातिर मीरजापुर वेब सीरीज के निर्माता व निर्देशक ने विंध्य की धरती को बदनाम करने की कोशिश की।

विंध्य पर्वत के सुरम्य अंचल में बसी विंध्यनगरी देश को मानक समय देने के साथ ही फिजां में गंगा-जमुनी तहजीब की मिठास घोलती रही है। विंध्याचल के कंतित में ही प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की पवित्र कंतित शरीफ दरगाह व चुनार में कासिम सुलेमानी की दरगाह है। अजमेर शरीफ न जा पाने वाले जायरीनों द्वारा इसी दरगाह पर चादर चढ़ाकर मन्नतें पूरी की जाती हैं। मां विंध्यवासिनी के लिए चुनरी मुस्लिम समाज के लोग बनाते हैं तो कंतित शरीफ की मजार पर पहली चादर हिंदू परिवार की ओर से चढ़ाई जाती है।

साहित्य के क्षेत्र में आचार्य रामचंद्र शुक्ल, बद्री नारायण प्रेमघन, बेचन शर्मा उग्र, शिव प्रसाद कमल सरीखे साहित्यकारों ने भी अपनी लेखनी से साहित्य जगत को समृद्ध करते हुए समरसता का संदेश दिया। प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर होने के साथ ही अध्यात्म, कला व साहित्य की बेजोड़ संगम स्थली विंध्याचल अनायास ही पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। बीते 90 वर्षों से बदलाव के दौर से गुजर रही विंध्यनगरी अपनी कला-संस्कृति, अध्यात्म, साहित्य व समरसता की तहजीब को संजोने में कामयाब रही है। गिनी-चुनी घटनाओं को छोड़ दें तो विंध्य क्षेत्र शांति व सौहार्द का ही संदेशवाहक रहा है। बावजूद इसके मनोरंजन के नाम पर कल्पना पर आधारित कत्ल व हिंसा के धरातल पर रिश्तों को कलंकित करने की कहानी बुनी गई। मीरजापुर ही नहीं, बल्कि बलिया, गाजीपुर, जौनपुर सहित पूरे पूर्वांचल को बदनाम करने का यह कुत्सित प्रयास है। लोगों ने इसे पारिवारिक रिश्तों को तोड़ने वाला भी बताया।

सभ्य समाज इसे देखना पसंद नहीं करता

अमेजन प्राइम की चर्चित वेब सीरीज मीरजापुर से अब लोगों को बोरियत महसूस होने लगी है। इसकी पटकथा को लव, सेक्स, षड्यंत्र, अवैध संबंध, मारकाट, रिश्तों के कत्ल, गाली-गलौज व हिंसा से जोड़कर परोसने की कोशिश की गई है। साथ ही सत्ता के लिए समाज व पारिवारिक रिश्तों की हत्या का ताना-बाना दिखाया गया है। विंध्य धरा की गंगा-जमुनी संस्कृति व परंपरा से पटकथा का कोई लेना-देना नहीं है। सामान्य तौर पर कहें तो सभ्य समाज इसे देखना पसंद नहीं करता है।

प्रतिबंध लगाएं या वेब सीरीज में बताएं-असली मीरजापुर ऐसा नहीं है, यह केवल मनोरंजन के लिए है

वेब सीरीज के निर्माताओं को अपनी सीरीज में यह दिखाना चाहिए कि असली मीरजापुर ऐसा नहीं है बल्कि इसे मनोरंजन के लिए दिखाया जा रहा है ताकि लोगों के मन में गलत धारणा न उत्पन्न हो। हालांकि केंद्रीय मंत्री का कहना है कि जो भी नियमानुसार होगा, प्रयास किया जाएगा।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *