एस.के.पी.ए में जारी पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ संपन्न

शेर-ए-कश्मीर पुलिस अकादमी उधमपुर मंे भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी), गृह मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ‘साइबर अपराध की जांच‘ विषय पर जारी 05 दिवसीय पाठ्यक्रम संपन्न हुआ। यह तीसरा ऐसा कोर्स है जो 14सी द्वारा प्रायोजित है और एस.के. पुलिस अकादमी उधमपुर में आयोजित किया गया है, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस उपाधीक्षक रैंक तक के 22 पुलिस अधिकारी भाग लिया। प्रतिभागियों में तमिलनाडु से 01, चंडीगढ़ से 01, मध्य प्रदेश से 01, गुजरात से 01, कर्नाटक से 02 और जम्मू-कश्मीर पुलिस से 16 अधिकारी शामिल थे।
इस पाठ्यक्रम को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जांच अधिकारियों के लिए एक क्षमता निर्माण उपकरण के रूप में डिजाइन किया गया था ताकि वर्चुअल स्पेस में साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती को व्यापक और समन्वित तरीके से संबोधित किया जा सके। पूरे पाठ्यक्रम के दौरान, फिशिंग, विशिंग, साइबर बुलिंग, ई-मेल बॉम्बिंग, एसएमएस बॉम्बिंग, सीडीआर/आईपीडीआर का विश्लेषण, आईपी एड्रेस ट्रैकिंग, आईटी अधिनियम और इसके संशोधन सहित साइबर अपराध प्रकारों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करते हुए व्यापक चर्चा, विचार-विमर्श और व्यावहारिक डेमोस्ट्रेशन हुए।
पाठ्यक्रम के समापन हेतु एक समापन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें गरीब दास, आईपीएस, एडीजीपी, एसकेपीए के निदेशक मुख्य अतिथि थे। उनके साथ राजिंद्र कुमार गुप्ता, आईपीएस, एसएसपी, उप निदेशक एसकेपीए, राकेश संब्याल, मुख्य अभियोजन अधिकारी और आशीष गुप्ता, डीएसपी, सहायक निदेशक (प्रशिक्षण/अनुसंधान एवं विकास) मौजूद थे।
अपने समापन भाषण में गरीब दास ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए आधुनिक तकनीकों से अपडेट रहने के महत्व पर जोर दिया, खासकर पहले उत्तरदाताओं के लिए जिन्हें साइबर अपराध की सूचना मिलने पर उचित कार्रवाई जानने की जरूरत है।
इस पाठ्यक्रम में सहित प्रख्यात वक्ता राहुल पंडित, निदेशक आइडियोग्राम टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड जम्मू, कमल शर्मा, उप निदेशक अभियोजन, सीआईडी मुख्यालय, गगनदीप सिंह एवं साइबर पुलिस स्टेशन जम्मू से राकेश शर्मा, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साइबर सलाहकार नईम अब्बास हमदानी ने प्रतिभागियों को व्याख्यान दिया। समापन समारोह में एसकेपीए के संकाय सदस्यों ने भी भाग लिया। पाठ्यक्रम का समन्वय इंस्पेक्टर रोहित गुप्ता द्वारा किया गया, एचसी रंदीप सिंह द्वारा सहायता प्रदान की गई।
