अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 21वीं शताब्दी को देगा दिशा
सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वह नूतन मंदिर में विराजेंगे, वह क्षण 21वीं शताब्दी को दिशा देगा। इस दिन का सदैव विशेष महत्व रहेगा, क्योंकि हम भगवान राम के आदर्शों का पालन करते हुए रामराज्य की पुर्नस्थापना के अगले चरण में प्रवेश कर जाएंगे। यही नहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का भी सपना था कि हमारा देश व समाज राम के आदर्शों पर चलते हुए रामराज्य की स्थापना करे। अब वह समय आ गया है और प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक क्षण 21वीं शताब्दी को दिशा देने वाला क्षण होगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार से कही।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतवासी के हृदय में राम स्थापित हैं, हर एक के मन में भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति के भाव उमड़ रहे हैं। तो क्यों न रामभक्ति का चारों ओर वातावरण बनाएं। इसके लिए 22 जनवरी को घर के साथ ही पास पड़ोस व मंदिरों के अलावा सार्वजनिक स्थानों पर दीप जलाएं और पूरे वातावरण को राममय बना दें।
भारत ही नहीं विश्व में बना उत्साह का वातावरण
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कानपुर प्रांत के प्रांत संघचालक भवानी भीख तिवारी ने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि आने वाली 22 तारीख को हमारे आराध्य भगवान राम नूतन एवं भव्य मंदिर में विराजित हाेंगे। सम्पूर्ण भारत में ही नहीं विश्व में एक उत्साह का वातावरण बना हुआ है। जहां एक ओर भगवान राम हमारे आराध्य हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। समरसता के उदाहरण के रूप में कह सकते हैं कि भगवान राम का जीवन एक उदाहरणीय जीवन है। उन्होंने किसी महल में जाकर भोजन नहीं किया, उन्होंने सबरी के झोपड़ी का चयन किया और उनके घर जाकर जूठे बेर खाए। जब उनकी बारात जा रही थी तब भी समरसता का उदाहरण देखने को मिलता है। यानी सभी समाज के लोग उनके साथ उस उत्साह में, उस सुखद प्रसंग में उस शुभ प्रसंग में उनके साथ थे और कोई भेदभाव नहीं था। इसलिए आने वाली 22 तारीख को हम सब दीपावली उत्सव के रूप में अपने घरों में दीपावली जैसा उत्सव मनाए।
उन्होंने कहा कि जहां तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बात है तो प्रथम सरसंघचालक डॉक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार का सपना था कि सम्पूर्ण हिन्दू समाज एकजुट हो और प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम उनके सपनों को साकार करने में सहायक सिद्ध होगा।
मनाएं दीपावली
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत प्रमुख कानपुर प्रांत एवं विशेष आमंत्रित सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद डॉ. यतीन्द्र सिंह ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि पांच सौ वर्षों बाद राम मंदिर को बनते हुए देख रहे हैं। हम सभी उस इतिहास के साक्षी रहें जिसकी कल्पना हम स्वप्न में भी नहीं सोची। इतने दिनों की दास्ता और इतनी कठिन तपस्या, इतना परिश्रम व इतना बलिदान उसके बाद आज राम मंदिर को साकार होता देख रहे हैं। रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य हम सभी को मिलेगा लेकिन 22 जनवरी को सभी अपनों घरों में ठीक उसी प्रकार दीपावली मनाएं, जिस प्रकार श्रीराम जब अयोध्या आए थे और हमने दीपावली मनायी थी।





