• December 29, 2025

सहकारिता विभाग के अभियान में बी-पैक्स के बने रिकार्ड 26 लाख सदस्य: जेपीएस राठौर

 सहकारिता विभाग के अभियान में बी-पैक्स के बने रिकार्ड 26 लाख सदस्य: जेपीएस राठौर

उत्तर प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने बताया कि सहकारिता विभाग ने बहुत दिनों बाद सदसयता महाअभियान शुरू किया। एक से 30 सितम्बर तक चले इस अभियान में 20 लाख नये सदस्य जोड़ने के लक्ष्य के सापेक्ष्य 26 लाख 16 हजार सदस्य जुड़े। यह अपने आप में रिकार्ड है। इस दौरान सहकारिता विभाग अंशधन के रूप में 63 करोड़ 49 लाख रुपये जुटाने में सफल रहा।

सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने रविवार को यहां सहकारिता भवन में पत्रकार वार्ता करते हुए बताया कि एक सितम्बर को अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। उन्होंने बताया कि इस सदस्यत अभियान में बुलंदशहर में सबसे अधिक एक लाख 11 हजार 816 सदस्य बने। सबसे अंशधन (शेयर कैपिटल) भी बुलंदशहर का ही रहा। अगर प्रति पैक्स सबसे ज्यादा औसत सदस्यता करने वाला जिला शाहजहांपुर रहा। यहां 933 सदस्यत प्रति पैक्स औसत रहा। प्रति पैक्स सबसे ज्यादा औसत शेयर कैपिटल एकत्र करने वाला जिला भी शाहजहांपुर ही रहा है।

प्रति पैक्स औसत आधार पर शीर्ष के 10 जिलो में शाहजहांपुर, पीलीभीत, रामपुर, बुलंदशहर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, शामली, हापुड़ और अमरोहा है। प्रदेश में शीर्ष 05 मण्डलों की बात करें तो मेरठ सबसे आगे रहा है। उसके बाद मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर और चित्रकूट धाम मण्डल रहा है।

किसान से लेकर श्रमिक तक बने सदस्य।

राठौर ने बताया कि सदस्यता अभियान में 17 लाख 33 हजार 112 किसान सदस्य बने हैं। इनमें लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या 16 लाख 87 हजार 692 रही है। वहीं दो हेक्टेयर से अधिक खेती वाले किसान 45 हजार 420 हैं। इसमें एक लाख 56 हजार 455 कुशल श्रमिक सदस्य बने हैं। अकुशल श्रमिकों की संख्या तीन लाख 92 हजार 728 है। 02 लाख 20 हजार 207 पशुपालकों ने बी-पैक्स की सदस्यता ग्रहण की। 06 हजार 411 मत्स्य पालक सदस्य बने।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि यह अभियान सभी जिलों में समिति स्तर तक चलाया गया। सभी जिलों में सभी समितियों में अभियान चलाया गया। इसके लिए पोर्टल भी शुरू किया गया था। उसके माध्यम से सदस्य बना जा सकता था। सदस्य बनने के लिए 21 रुपये और अंशधारक के लिए 200 रुपये थे। अभियान को सफल बनाने में सहकारी स्वयंसेवकों की भी महत्वपूर्ण भमिका रही है। अच्छा कार्य करने वाले स्वयंसेवकों को पुरस्कार राशि दी जाएगी। 100 सदस्य बनाने वाले को संतोषजनक प्रमाण पत्र, 280 से 400 सदस्य बनाने वाले स्वयंसेवक को पांच हजार, 400 से 600 सदस्य बनाने वाले को 7500 और प्रति पैक्स 600 से अधिक सदस्य बनाने वाले स्वयंसेवक को 10 हजार रुपये पुरस्कार राशि दी जाएगी।

पैक्स समितियों को 10 लाख की कैस क्रेडिट लिमिट।

उप्र प्रदेश सहकारिता विभाग ने सदस्यता अभियान में यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। किसानों ने बहुत बड़ा भरोसा जताया है। हम उस भरोसे को और मजबूती प्रदान करने के लिए आगे कार्य करेंगे। राठौर ने इस मौके पर सभी 7500 पैक्स समितियों को 10 लाख की कैस क्रेडिट लिमिट दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की इस पर सहमति मिल गयी है। जल्द ही इसे मूर्त रूप देकर किसान भाइयों को इसका लाभ दिया जाएगा।

इसके अलावा पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में राठौर ने कहा कि पहले पूर्वांचल सहकारिता के लाभों से वंचित था, लेकिन इस अभियान के माध्यम से परिस्थितियां बदलेंगी। पूर्वांचल के किसानों को भी सहकारिता का लाभ मिलेगा। पूरब हो या पश्चिम, हर क्षेत्र के किसान सहकारिता का लाभ उठा सकेंगे।

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