• October 14, 2025

मणिपुर मामले में एडिटर्स गिल्ड को मिली राहत सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बढ़ाई

 मणिपुर मामले में एडिटर्स गिल्ड को मिली राहत सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बढ़ाई

मणिपुर मामले में एडिटर्स गिल्ड को मिली राहत सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बढ़ा दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं एडिटर्स गिल्ड के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी जाए। कोर्ट ने दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी तब तक एडिटर्स गिल्ड को मिली राहत बरकरार रहेगी।

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पहली नजर में एफआईआर का अपराध नहीं दिखता है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा कि आप बताइए कि इस केस में भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (आपसी सद्भाव बिगाड़ने) का मामला कैसे बनता है। कोर्ट ने कहा कि सेना ने एडिटर्स गिल्ड को बुलाया था। वो गलत हो सकते हैं और सही हो सकते हैं। सिर्फ कोई रिपोर्ट देने से कैसे अपराध बनता है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा, क्यों ना एडिटर्स गिल्ड के खिलाफ दाखिल एफआईआर रद्द कर दी जाए।

11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आज तक एडिटर्स गिल्ड के अधिकारियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 6 सितंबर को एडिटर्स गिल्ड की ओर से पेश वकील श्याम दीवान ने कहा था कि एफआईआर वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के खिलाफ है। जिनका निष्कर्ष था कि मणिपुर की स्थिति पर स्थानीय समाचार रिपोर्टें पक्षपातपूर्ण थीं। दीवान ने कहा था हमारे खिलाफ दो एफआईआर की वजह से हम आए हैं। श्याम दीवान ने कोर्ट को बताया कि एडिटर्स गिल्ड ने फैक्ट फाइंडिंग के लिए चार सदस्यों को भेजा था। उन्होंने दो सितंबर को रिपोर्ट दी थी। इस पर दो एफआईआर दर्ज हुईं। हमें गिरफ्तारी की आशंका है।

दरअसल, एडिटर्स गिल्ड की चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी द्वारा कहा गया था कि मणिपुर की स्थिति पर स्थानीय समाचार रिपोर्टें पक्षपातपूर्ण थीं। इसको लेकर मणिपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

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Rama Niwash Pandey

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