आशा वर्कर्स पारुल की मौत की सरकार जिम्मेदार, प्रदेश भर में रोष
यमुनानगर की एक आशा वर्कर पारुल की मंगलवार देर रात को मौत हो गई। आरोप है कि सोमवार को विधानसभा का घेराव करने जा रही आशा वर्करों को मिल्क टोल प्लाजा पर रोक लिया गया था। जहां पर आशा वर्कर्स और पुलिस की धक्का-मुक्की हुई थी। जिसके दौरान पारुल बेहोश हो गई थी। उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। प्रदेश यूनियन ने सरकार से उसके परिवार के लिए आर्थिक सहायता और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।
उसके घर पहुंची एक और आशा वर्कर भी इस घटना को देख कर बेहोश हो गई। उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यमुनानगर के जोगिंदर नगर की रहने वाली आशा वर्कर पारुल दो बच्चों की मां हैं। उसके पिता ऑटो रिक्शा चलाते हैं। प्रदेश यूनियन की अध्यक्ष सुलेखा का कहना है कि सोमवार को प्रदेश भर की आशा वर्कर पंचकूला में विधानसभा का घेराव करने जा रही थी। इसी दौरान यमुनानगर की बसों में जा रही आशा वर्कर्स को पुलिस ने मिल्क टोल प्लाजा पर रोक लिया था और उनके साथ धक्का-मुक्की की। जिसके दौरान पारुल बेहोश हो गई थी। जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिसकी बीती रात मौत हो गई है। इसकी खबर उन्हे बुधवार को मिली। इसको लेकर प्रदेश भर की आशा वर्कर्स में रोष है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर पारुल के परिवार की आर्थिक सहायता की जाए और उसके परिवार को एक नौकरी सरकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मांगों को जब तक सरकार नहीं मान लेती। हम इसी तरह अपना आंदोलन जारी रखेंगे और इसको लेकर आगे भी हमारी लड़ाई जारी रहेगी।




