ज्वाला देवी के छात्र श्लोक त्रिपाठी बने बाल वैज्ञानिक

 ज्वाला देवी के छात्र श्लोक त्रिपाठी बने बाल वैज्ञानिक

प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) शिक्षा प्रसार समिति द्वारा संचालित ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज सिविल लाइन्स में बुधवार को श्लोक त्रिपाठी के बाल वैज्ञानिक बनने पर विद्यालय के प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह ने सम्मानित किया। श्लोक ने अपने वैज्ञानिक बनने के अनुभव को साझा किया।

इस अवसर पर श्लोक त्रिपाठी ने अपने अविष्कार एवं उससे जुड़े अनुभवों को साझा करते हुये बताया कि मैंने ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मन्दिर में 2021 में कक्षा 8 में प्रवेश लिया तभी से मेरे अन्दर विज्ञान प्रयोग एवं प्रदर्श को लेकर रुचि जागृत होने लगी। मैं हमेशा विज्ञान के नये-नये प्रयोगों के बारे में गुरुजनों से जानकारी प्राप्त करने लगा। जिसके परिणामस्वरूप आज मुझे आप सभी को यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि पहली बार मैंने विद्यालय द्वारा आयोजित संकुल स्तरीय ज्ञान-विज्ञान मेला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। जहां मैंने सेंसर पर अधारित एक मॉडल बनाया था। यहीं से मेरी बाल वैज्ञानिक बनने की जीवन यात्रा शुरू हुई।

श्लोक ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा खनऊ में आयोजित प्रतियोगिता, नासा द्वारा आयोजित ह्यूमन रिसर्च ऑपरेशन प्रतियोगिता जो बनारस में आयोजित थी, में प्रथम स्थान प्राप्त किया। दिल्ली में आयोजित नेशनल लेवल क्विज प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। इन विभिन्न प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त करने पर मेरा उत्साह दिन-प्रतिदिन बढ़ता गया। जिसके फलस्वरुप मैने ’’आर्मी डिफेंस शूज’’ नामक प्रोजेक्ट का निर्माण किया, जिसके माध्यम से हमारी भारतीय सेना का सिपाही 50 सेमी. पहले ही यह जान सकता है कि आगे लैण्ड माइन है या नहीं, जिससे हमारी सेना को सर्जिकल स्ट्राइक जैसे प्रयोग करने में सफलता मिलेगी। इन सभी प्रयोग एवं अविष्कार के परिणामस्वरूप भारतीय सेना के चारों अंग-नेवी, मर्चेंट नेवी, आर्मी एवं एयरफोर्स में मेरा प्रोजेक्ट विचाराधीन है एवं इन सभी जगहों पर सेवा करने के लिए मुझे 10 प्रतिशत की छूट मिली है।

प्रधानाचार्य विक्रम बहादुर सिंह परिहार ने इस अभूतपूर्व सफलता पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आपके द्वारा अर्जित यह उपलब्धि विद्यालय परिवार के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोई भी चाहे तो अपने कड़े परिश्रम, लगन एवं गुरुजनों के सतत मार्गदर्शन से बड़े से बड़े लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने श्लोक त्रिपाठी के पिता को भी सम्मानित किया। इस उपलब्धि पर संगठन मंत्री डॉ राम मनोहर, प्रदेश निरीक्षक शेषधर द्विवेदी, विद्यालय के अध्यक्ष च्यवन भार्गव, प्रबन्धक डॉ. संजय सिंह, कोषाध्यक्ष सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव एवं आचार्य बन्धुओं ने बधाई दी।

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