उत्तर प्रदेश में 8 IAS अधिकारियों का ट्रांसफर: जानें किसे मिली नई जिम्मेदारी
लखनऊ, 9 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक झटके में प्रशासनिक सिस्टम में बड़ा फेरबदल कर दिया है। बुधवार को जारी आदेश से आठ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के तबादले हो गए, जो राज्य के विकास की रफ्तार को नई गति दे सकते हैं। नियोजन से लेकर परिवहन, पर्यटन और वक्फ तक—इन विभागों में नए चेहरे आएंगे, जो शासन को और चुस्त बनाने का संकेत दे रहे हैं। एक तरफ जहां प्रतीक्षारत अफसरों को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गईं, वहीं मौजूदा पदाधिकारियों को नई चुनौतियां मिलीं। यह बदलाव न केवल नौकरशाही में ताजगी लाएगा, बल्कि आम जनता के लिए सेवाओं में सुधार का वादा भी करता है। लेकिन कौन सा अधिकारी किस विभाग का सुप्रीम कमांडर बनेगा? आइए, इसकी पूरी परतें खोलें।
नियोजन और प्राविधिक शिक्षा में बड़ा उलटफेर
उत्तर प्रदेश सरकार का यह ट्रांसफर ऑर्डर राज्य के विकास मॉडल को मजबूत करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है। सबसे पहले नजर नियोजन विभाग पर पड़ी, जहां सेल्वा कुमारी जे. का जाना चर्चा का केंद्र बना। वे पहले नियोजन विभाग की सचिव और अर्थ एवं संख्या की महानिदेशक थीं, लेकिन अब उन्हें प्राविधिक शिक्षा विभाग की महानिदेशक और सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह बदलाव युवाओं के कौशल विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकेत देता है, क्योंकि प्राविधिक शिक्षा राज्य की आर्थिक प्रगति का आधार है। सेल्वा कुमारी की विशेषज्ञता से अब इंजीनियरिंग और तकनीकी संस्थानों में नई जान फूटी है। दूसरी ओर, प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारी समीर वर्मा को नियोजन विभाग का सचिव और अर्थ एवं संख्या का महानिदेशक बनाया गया। समीर की नियुक्ति से विभाग की नीतियां और डेटा-आधारित योजना बनाने की प्रक्रिया में तेजी आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह फेरबदल राज्य की जीडीपी ग्रोथ को बूस्ट देगा। कुल मिलाकर, ये तबादले नौकरशाही को और डायनामिक बनाने की कोशिश नजर आ रही है।
परिवहन और पर्यटन विभागों में नई सवारी
ट्रांसफर की लहर ने परिवहन और पर्यटन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी छुआ, जहां बदलाव राज्य की इंफ्रास्ट्रक्चर और टूरिज्म को नई दिशा देंगे। प्रतीक्षारत आईएएस प्रभु नारायण सिंह को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) का प्रबंध निदेशक (एमडी) नियुक्त किया गया। पहले इस पद पर मासूम अली सरवर थे, जो अब उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाए गए हैं। प्रभु नारायण की अगुवाई में अब बस सेवाओं में डिजिटल अपग्रेडेशन और ग्रामीण कनेक्टिविटी पर फोकस बढ़ेगा, जो यात्रियों के लिए राहत की सांस है। इसी कड़ी में, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के विशेष सचिव और अपर महानिरीक्षक (निबंधन) आशीष कुमार को राज्य पर्यटन विकास निगम का एमडी बनाया गया। आशीष की नई भूमिका से ताजमहल से लेकर वाराणसी तक पर्यटन सर्किट को मजबूत करने की उम्मीद है। ये तबादले न केवल विभागीय दक्षता बढ़ाएंगे, बल्कि रोजगार सृजन को भी प्रोत्साहित करेंगे। माना जा रहा है कि इससे यूपी का पर्यटन मानचित्र वैश्विक स्तर पर चमकेगा।
शहरी विकास और नगर निगमों में फेरबदल की बारी
शहरी विकास के क्षेत्र में भी ट्रांसफर ने हलचल मचा दी, खासकर कानपुर जैसे बड़े शहरों में। कानपुर नगर निगम के आयुक्त सुधीर कुमार को अब स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग में विशेष सचिव और अपर महानिरीक्षक (निबंधन) की जिम्मेदारी दी गई। सुधीर की जगह रायबरेली के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अर्पित उपाध्याय को कानपुर का नया नगर आयुक्त बनाया गया। अर्पित की नियुक्ति से कानपुर की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में नई गति आएगी, जहां ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट तक चुनौतियां हैं। अर्पित की पूर्व भूमिका से साबित हो चुका है कि वे विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने में माहिर हैं। वहीं, अर्पित की रायबरेली सीडीओ की कुर्सी पर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण की सचिव अंजुलता विराजमान होंगी। अंजुलता की अनुभव से ग्रामीण विकास योजनाओं को बल मिलेगा। ये तबादले शहरी-ग्रामीण संतुलन बनाए रखने की सरकारी कोशिश को दर्शाते हैं। कुल मिलाकर, इन आठ तबादलों से यूपी का प्रशासनिक ताना-बाना मजबूत होगा, जो जनकल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने में मददगार साबित होगा।
