• October 22, 2025

भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए लांच की एआईसीटीई-वाणी योजना

 भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए लांच की एआईसीटीई-वाणी योजना

तकनीकी शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने ‘एआईसीटीई-वाणी’ (वाइब्रेंट एडवोकेसी फॉर एडवांसमेंट एंड नर्चरिंग ऑफ इंडियन लैंग्वेजेस) योजना लांच की है।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने योजना लांच की। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय भाषाओं के प्रचार के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष पद्मश्री चामू कृष्ण शास्त्री भी मौजूद रहे।

इस योजना के तहत एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों को तकनीकी शिक्षा के उभरते क्षेत्रों में 12 क्षेत्रीय भाषाओं में न्यूनतम 2 दिन से अधिकतम 3 दिन के सम्मेलन, सेमिनार या कार्यशाला आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। सालाना अधिकतम 100 सम्मेलनों को प्रति सम्मेलन 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। 100 सम्मेलनों में प्रति क्षेत्रीय भाषा में आठ सम्मेलन (गुजराती, मराठी, तेलुगु, तमिल, पंजाबी, बंगाली, कन्नड़, असमिया, मलयालम, ओडिया, उर्दू) और हिंदी भाषा में 12 सम्मेलन शामिल होंगे। योजना पर एआईसीटीई सालाना 2 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति करेगा।

योजना की शुरुआत करते हुए एआईसीटीई अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि एआईसीटीई-वाणी योजना स्थानीय भाषा में ज्ञान का आधार बनाने में मदद करेगी। यह तकनीक के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकास को क्षेत्रीय भाषाओं में भी सहेजने और उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित करेगी। यह योजना क्षेत्रीय भाषाओं में शोध पत्रों को बढ़ावा देगी और संस्थानों एवं उद्योग के बीच सहयोग को और बढ़ाएगी।

भारतीय भाषाओं के प्रचार के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष पद्मश्री चामू कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह योजना स्थानीय भाषाओं की बजाय केवल अंग्रेजी भाषा को प्राथमिकता देने के संबंध में दुविधा को दूर करेगी। शिक्षा में क्षेत्रीय भाषाओं या मातृभाषा का महत्व राष्ट्र की सांस्कृतिक विविधता सुनिश्चित करेगा।

एआईसीटीई अप्रूव्ड संस्थानों के लिए आवेदन 10 अप्रैल, 2024 तक खुले हैं। संस्थानों का चयन https://www.aicte-india.org/ पर उपलब्ध एआईसीटीई द्वारा तय किए गए मापदंडों के आधार पर किया जाएगा। चयनित होने पर एआईसीटीई सेमिनार, कार्यशाला, सम्मेलन आयोजित करने के लिए संस्थानों को मंजूरी देगा। ये सम्मेलन, सेमिनार या कार्यशालाएं योजना के तहत शामिल 12 उभरते क्षेत्रों पर आयोजित किए जाएंगे। इनमें एडवांस मैटेरियल्स, रेयर अर्थ एंड क्रिटिकल मिनिरल्स, सेमीकंडक्टर्स, स्पेस एंड डिफेंस, ब्लू इकॉनमी, एनर्जी, सस्टेनेबिलिटी एंड क्लाइमेट चेंज, एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सुपरकंप्यूटिंग, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग), नेक्स्ट जेन कम्युनिकेशंस, स्मार्ट सिटीज एंड मोबिलिटी, एग्रोटेक एंड फूड प्रोसेसिंग, हेल्थ केयर एंड मेड-टेक, डिजास्टर मैनेजमेंट एंड रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग एंड इंडस्ट्री 4.0 शामिल हैं।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *