• September 8, 2024

ना एनकाउंटर हुआ, ना गाड़ी पलटी गुजरात से सुरक्षित ले आई यूपी पुलिस

नैनी जेल में अतीक अहमद के लिए सीसीटीवी से लैश स्पेशल सेल तैयार, बॉडी कैमरों वाले जवान रहेंगे तैनात

उमेश पाल अपहरण के मामले में 28 मार्च को एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगी। इस मामले में मुख्य आरोपी अतीक और उसका भाई अशरफ हैं। अतीक को करीब चार साल बाद प्रयागराज लाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम रविवार को अहमदाबाद की साबरमती केंद्रीय जेल से गैंगस्टर को शाम करीब 6 बजे लेकर निकली थी। फैसले के दिन पेशी के लिए रविवार को यूपी पुलिस की टीमें माफिया अतीक को प्रयागराज लाने के लिए अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल पहुंचीं थीं। दो आईपीएस के नेतृत्व में 40 पुलिसकर्मी इस टीम में शामिल थे। यूपी पुलिस अतीक के लिए यहां से दो वज्र वाहन भी लेकर गई थी। इसी वज्र वाहन से अतीक को प्रयागराज लाया गया।

माफिया अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड में पेशी के लिए गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल पहुंचा दिया गया है।

न गाड़ी पलटी, न एकाउंटर हुआ और अतीक अहमद को गुजरात से सुरक्षित नैनी जेल तक यूपी पुलिस ले आई है। सोमवार की शाम साढ़े पांच बजे अतीक को लेकर पुलिस का काफिला नैनी जेल पहुंचा। वहीं, अतीक का भाई अशरफ भी करीब डेढ़ घंटे बाद शाम 6.55 पर नैनी जेल पहुंच गया। अशरफ को बरेली जेल से लाया गया।

अतीक अहमद रविवार की शाम छह बजे साबरमती की केंद्रीय जेल से काफिला के साथ निकला था। इस तरह 1300 किलोमीटर की दूरी 23 घंटे 30 मिनट में पूरी की गई है। इस दौरान 12 बार काफिला विभिन्न कारणों से रास्ते में रुका। नैनी जेल में अतीक के लिए विशेष सेल तैयार किया गया है। यहां सीसीटीवी लगाने के साथ ही ऐसे जवानों को तैनात किया गया है जो बॉडी कैमरों से लैश होंगे। इन कैमरों की एक एक मूवमेंट को अधिकारी देखते रहेंगे।

सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था

इस महीने की शुरुआत में अतीकअहमद ने सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसमें दावा किया गया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड में झूठा फंसाया गया और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उसे फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है। अपनी याचिका में, अहमद ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस उसे अहमदाबाद से प्रयागराज ले जाने के लिए उसकी ट्रांजिट रिमांड और पुलिस रिमांड की मांग कर रही है और उसे आशंका है कि इस ट्रांजिट अवधि के दौरान उसे खत्म किया जा सकता है।

 

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