भाजपा नेताओं ने की बंगाल के बंटवारे की मांग, अब ममता की TMC ला रही यह प्रस्ताव; क्या रणनीति?
पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी विधानसभा में राज्य के बंटवारे की मांग के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। मामले की जानकारी रखने वालों के मुताबिक इसे इसी बजट सत्र में पेश किया जा सकता है। इससे पहले शुक्रवार को बंगाल विधानसभा द्वारा एक अन्य प्रस्ताव पास किया गया, जिसके तहत सरी और सरना धर्म को आदिवासी पहचान दी गई। एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा कि बंगाल को बांटने की कोशिश की जा रही है। पार्टी इस हफ्ते इसके खिलाफ प्रस्ताव ला सकती है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि सदन के सभी सदस्य, चाहे वह भले ही विपक्ष के ही क्यों न हों, इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी और भाजपा के बीच सियासी खींचतान खूब चल रही है। इस सियासी खींचतान का असर अक्सर बंगाल में नजर भी आता है। इस प्रस्ताव को भाजपा-टीएमसी के बीच खींचतान के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रस्ताव के लिए रूल 185 के नोटिस दी जा चुका है। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने कहा है कि वह किसी कीमत पर राज्य का बंटवारा नहीं होने देंगी। पिछले साल उत्तरी बंगाल के अलीपुरदुआर में एक राजनीतिक रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा बंगाल को बांटने की बात कर रही है। मैं अपना खून दे दूंगी लेकिन ऐसा होने नहीं दूंगी।
भाजपा सांसद कर चुके हैं मांग
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में अलीपुरदुआर के सांसद जॉन बार्ला समेत विभिन्न भाजपा नेताओं ने उत्तरी बंगाल को अलग राज्य या केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की है। हालांकि पार्टी बंगाल में किसी तरह का विभाजन नहीं चाहती है। भाजपा प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बंगाल में किसी तरह के बंटवारे के खिलाफ है। टीएमसी भ्रष्टाचार और घोटालों से घिरी हुई है। जब इनके नेता किसी गांव में जाते हैं तो उन पर हमले होते हैं। अब उनकी पार्टी इस तरह की बातें करके लोगों का और मीडिया का ध्यान भटकाना चाहते हैं।
भाजपा का गढ़ रहा है नॉर्थ बंगाल
गौरतलब है कि नॉर्थ बंगाल के पहाड़ी इलाकों में राजनीतिक दल और गोरखा संगठनों ने भारतीय गोरखालैंड संघर्ष समिति नाम से एक मोर्चा बना रखा है। इन लोगों की मांग अलग गोरखालैंड राज्य की है। बता दें कि उत्तरी बंगाल 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा का गढ़ रहा है। 2021 के विधानसभा चुनाव में जब बंगाल में टीएमसी ने सत्ता हासिल की थी, भाजपा ने उत्तरी बंगाल के आठ जिलों की 54 सीटों में से 30 पर जीत हासिल की थी। वहीं, टीएमसी ने प्रदेश की कुल 294 सीटों में से 213 जीती थीं, जबकि भाजपा को 77 पर जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 42 सीटों में से 18 और उत्तरी बंगाल की आठ में से सात जीती थीं।