• December 26, 2025

स्मार्ट सिटी मिशन ने पकड़ी रफ्तार: वाराणसी और लखनऊ में 40,000 करोड़ के निवेश से आधुनिकता की नई राह

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयासों से स्मार्ट सिटी मिशन (Smart City Mission) ने अभूतपूर्व गति पकड़ी है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में लगभग ₹40,000 करोड़ के कुल निवेश से शहरों का चेहरा बदल गया है, जिसने नागरिक जीवन को सहज और आधुनिक बना दिया है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का विस्तार, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (KICCC) की स्थापना और घाटों के पुनरुद्धार ने धार्मिक पर्यटन के अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है। वहीं, लखनऊ में इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS), प्रभावी वेस्ट मैनेजमेंट और हेल्थ एटीएम जैसी आधुनिक सुविधाओं ने जीवनशैली को सुगम बनाया है। प्रदेश में 17 स्मार्ट शहरों और 57 स्मार्ट नगरपालिकाओं के माध्यम से इस बदलाव की रफ्तार ने ‘ईज ऑफ लिविंग’ के विजन को ज़मीन पर उतारने का काम किया है।

वाराणसी और लखनऊ में आधुनिक बुनियादी ढांचे की शुरुआत

उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लखनऊ और वाराणसी को बुनियादी ढांचे और नागरिक सुविधाओं के आधुनिकीकरण में अग्रणी रखा गया है। इन दोनों शहरों में डिजिटलाइजेशन, प्रभावी ट्रैफिक मैनेजमेंट, सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार को प्राथमिकता दी गई है। राज्य सरकार ने लगभग ₹40,000 करोड़ की व्यापक योजना के तहत नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और बुनियादी ढांचे के विकास को तीव्र किया है। इस पहल का उद्देश्य केवल शहरों के स्वरूप को बदलना नहीं, बल्कि नागरिकों की जीवनशैली को भी सुगम और आधुनिक बनाना है। यह मिशन न केवल नगर विकास को गति दे रहा है, बल्कि टेक्नोलॉजी और आधुनिकता के संतुलन के साथ नागरिकों को एक बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

आधुनिकता का नया चेहरा: KICCC से ITMS तक

वाराणसी और लखनऊ में लागू की गई स्मार्ट तकनीकें आधुनिकता का नया चेहरा प्रस्तुत कर रही हैं। वाराणसी में काशी इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (KICCC) शहर की सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। गंगा घाटों का पुनरुद्धार, सीएनजी नौकाओं और ई-रिक्शा पार्किंग जैसी सुविधाएं पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आवागमन और अनुभव को बेहतर बना रही हैं। लखनऊ में, इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) स्मार्ट कैमरों और स्वचालित ट्रैफिक सिग्नल के माध्यम से शहर के भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक को नियंत्रित कर रहा है। इसके अलावा, हेल्थ एटीएम (Health ATM) और सार्वजनिक पार्कों में डिजिटल सेवाएं नागरिकों के लिए स्वास्थ्य और सुविधा के नए आयाम जोड़ रही हैं।

प्रशासन की सक्रियता और नागरिकों की सुविधा पर ज़ोर

स्मार्ट सिटी मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए वाराणसी और लखनऊ प्रशासन ने नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। वाराणसी में घाटों की लगातार सफाई, भविष्य के रोपवे प्रोजेक्ट (Ropeway Project) और स्मार्ट पार्किंग सुविधाओं ने पर्यटन को सुगम बनाया है। लखनऊ में भूमिगत डस्टबिन (Underground Dustbin) की स्थापना, इलेक्ट्रिक बसों का संचालन और गोमती रिवरफ्रंट का विकास शहर के स्वच्छता और पर्यावरणीय मानकों को बढ़ा रहा है। नगर विकास विभाग लगातार इन स्मार्ट सुविधाओं की निगरानी कर रहा है। प्रशासन ने सभी उपायों के माध्यम से नागरिकों को आश्वस्त किया है कि तकनीक और सुरक्षा का तालमेल सुनिश्चित किया जा रहा है, जिससे वे बिना किसी अव्यवस्था के आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

चुनौतियां अभी बाकी: स्मार्ट शहरों की राह जारी

हालांकि स्मार्ट सिटी मिशन ने इन शहरों में सकारात्मक बदलाव लाए हैं, फिर भी कुछ चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है। बारिश के दौरान जलभराव की समस्या, पुरानी सीवरेज प्रणाली का आधुनिकीकरण और संकरी गलियों में ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएँ अभी पूरी तरह से हल नहीं हुई हैं। इसके बावजूद, वाराणसी में भूमिगत केबलिंग, लखनऊ में इलेक्ट्रिक बसों और ITMS के विस्तार जैसी योजनाएं आने वाले समय में इन शहरों को और अधिक आधुनिक तथा टिकाऊ (Sustainable) बनाएंगी। राज्य सरकार ने इस दिशा में तेज़ी से काम किया है और स्मार्ट शहरों के विकास को नागरिकों के लिए ‘ईज ऑफ लिविंग’ के विजन के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है। यह पहल केवल ईंट और पत्थरों तक सीमित नहीं है, बल्कि नागरिक जीवन को गुणवत्तापूर्ण बनाने का एक बड़ा प्रयास है।

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