मन की बात: पीएम मोदी ने खेल जगत की ऐतिहासिक सफलताओं को सराहा, साल 2025 को बताया उपलब्धियों का ‘स्वर्ण काल’
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। साल 2025 के इस आखिरी संबोधन में प्रधानमंत्री का स्वर काफी उत्साहपूर्ण और गौरवमयी रहा। उन्होंने इस वर्ष को भारत के लिए ‘सफलताओं का साल’ करार देते हुए विशेष रूप से खेल के मैदान में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा रचे गए इतिहास का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि चाहे क्रिकेट का मैदान हो या पैरा एथलीटों का जज्बा, भारतीय युवाओं ने दुनिया भर में तिरंगे की शान बढ़ाई है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विज्ञान, सुरक्षा और खेल जैसे विविध क्षेत्रों में भारत की मजबूत होती छाप पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2025 एक ऐसा वर्ष रहा है, जिसने हर भारतीय को गर्व करने के अनगिनत अवसर दिए। विशेष रूप से खेल के क्षेत्र में मिली सफलताओं ने देश के भीतर एक नई ऊर्जा का संचार किया है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि खेल के मैदान पर मिली ये जीत केवल पदक या ट्रॉफी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये नए भारत के बढ़ते आत्मविश्वास का प्रतीक हैं।
पुरुष क्रिकेट: चैंपियंस ट्रॉफी और एशिया कप की दोहरी सफलता
प्रधानमंत्री ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम की उपलब्धियों को याद करते हुए साल की शुरुआत में मिली शानदार जीत का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि किस तरह रोहित शर्मा की कप्तानी और गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। यह जीत इसलिए भी खास थी क्योंकि 50 ओवर के प्रारूप में भारत ने लंबे समय बाद आईसीसी का कोई बड़ा खिताब जीता था।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में मिली सफलता को भी सराहा। उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह एशिया कप टी20 के रोमांचक फाइनल में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर खिताबी जीत दर्ज की। इन जीतों ने यह साबित कर दिया कि भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम दुनिया की सबसे शक्तिशाली टीमों में से एक है और उसका बेंच स्ट्रेंथ भी उतना ही मजबूत है। प्रधानमंत्री ने इन खिलाड़ियों की मेहनत और मैदान पर दिखाए गए उनके अनुशासन की जमकर प्रशंसा की।
महिला क्रिकेट: विश्व कप और दृष्टिबाधित टीम का ऐतिहासिक प्रदर्शन
संबोधन का एक बड़ा हिस्सा महिला क्रिकेट को समर्पित रहा। प्रधानमंत्री ने हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय महिला टीम की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने वह कर दिखाया जो आज तक नहीं हुआ था। भारत में ही आयोजित वनडे विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को शिकस्त देकर भारतीय बेटियों ने पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी चूमी। इस जीत के साथ भारतीय महिला टीम एशिया की पहली ऐसी टीम बन गई, जिसने इस प्रतिष्ठित वैश्विक टूर्नामेंट पर अपना कब्जा जमाया है।
इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने दृष्टिबाधित महिला क्रिकेट टीम की असाधारण सफलता का भी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत की इन बेटियों ने महिला दृष्टिबाधित टी20 विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया है। पीएम मोदी ने भावुक होते हुए कहा कि इन खिलाड़ियों ने यह साबित कर दिया कि यदि संकल्प शक्ति मजबूत हो, तो शारीरिक चुनौतियां सफलता के रास्ते में बाधा नहीं बन सकतीं। उन्होंने इस टीम की जीत को देश के करोड़ों युवाओं के लिए सबसे बड़ी प्रेरणा बताया।
पैरा एथलीटों का हौसला और विज्ञान की नई ऊंचाइयां
प्रधानमंत्री ने खेलों की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए पैरा एथलीटों के योगदान को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विश्व चैंपियनशिप में हमारे पैरा खिलाड़ियों ने पदकों की झड़ी लगाकर यह संदेश दिया है कि कोई भी बाधा बुलंद हौसलों को नहीं रोक सकती। प्रधानमंत्री के अनुसार, पैरा एथलीटों की सफलताएं समाज के नजरिए को बदलने का काम कर रही हैं और दिव्यांगजनों के प्रति सम्मान का भाव पैदा कर रही हैं।
खेलों के साथ-साथ पीएम मोदी ने संक्षेप में विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की छलांग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2025 में विज्ञान की प्रयोगशालाओं से लेकर अंतरिक्ष के रहस्यों को सुलझाने तक भारत ने दुनिया के बड़े मंचों पर अपनी धाक जमाई है। सुरक्षा के मोर्चे पर भी देश की तैयारियों और आत्मनिर्भरता ने भारत को एक नई पहचान दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास और आत्मविश्वास की यह यात्रा 2026 में और भी तेज गति से जारी रहेगी।
राष्ट्र के नाम संदेश: नए संकल्प के साथ नए साल का स्वागत
अपने संबोधन के समापन की ओर बढ़ते हुए प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों को नए साल की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आह्वान किया कि जिस तरह हमारे खिलाड़ियों ने 2025 में कड़ी मेहनत और एकता के बल पर सफलता हासिल की, उसी तरह हर नागरिक को अपने-अपने क्षेत्र में देश के विकास के लिए योगदान देना चाहिए। उन्होंने ‘मन की बात’ के इस संस्करण को देश की सामूहिक शक्ति को समर्पित किया और विश्वास जताया कि आने वाला साल भारत के लिए और भी बड़ी उपलब्धियां लेकर आएगा।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन न केवल एक समीक्षा थी, बल्कि यह उन गुमनाम नायकों और उभरते सितारों को एक सम्मान था, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से वैश्विक स्तर पर भारत का मस्तक ऊंचा किया। ‘मन की बात’ के जरिए प्रधानमंत्री ने एक बार फिर खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और देश के कोने-कोने में छिपी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का संदेश दिया।