• October 19, 2025

ट्रंप का झटका: यूक्रेन को गंवाई जमीन छोड़ने का इशारा, रूस के साथ युद्धविराम की नई शर्त

वाशिंगटन, 17 अक्टूबर 2025: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन के साथ वार्ता ने रूस-यूक्रेन युद्ध को नई मोड़ दिया है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की के साथ लंबी बैठक के बाद ट्रंप ने युद्ध रेखा पर तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया, जो रूस को कब्जे वाली भूमि पर कायम रखने का संकेत देता है। यह बयान जेलेंस्की के हौसले तोड़ सकता है, जो लंबी दूरी की मिसाइलों की मांग कर रहे थे। ट्रंप ने पुतिन के साथ फोन वार्ता के बाद बुडापेस्ट में शिखर सम्मेलन की घोषणा भी की। लेकिन क्या यह शांति की दिशा में कदम है या यूक्रेन पर दबाव? जेलेंस्की ने इसे स्वीकारा, लेकिन गहराई से। आइए, जानते हैं इस मुलाकात की परतें, जो वैश्विक शांति को प्रभावित कर सकती हैं।

व्हाइट हाउस में तनावपूर्ण वार्ता: ट्रंप का युद्ध रेखा पर युद्धविराम का प्रस्ताव

व्हाइट हाउस में शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के व्लादिमिर जेलेंस्की की दो घंटे से अधिक की बैठक ने रूस-यूक्रेन युद्ध को नई दिशा दी। ट्रंप ने बैठक के तुरंत बाद ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर कहा, “काफी खूनखराबा हो चुका है। संपत्ति की सीमाएं युद्ध और साहस से तय हो रही हैं। उन्हें वहीं रुक जाना चाहिए जहां वे हैं। दोनों को जीत का दावा करने दें, इतिहास फैसला करेगा।” यह बयान स्पष्ट रूप से रूस को यूक्रेन से कब्जे वाले क्षेत्रों—जैसे क्रिमिया और पूर्वी इलाके—पर कायम रखने का इशारा था। ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “युद्ध रेखा के अनुसार चलें, चाहे वह कहीं भी हो—वरना जटिल हो जाएगा।” जेलेंस्की ने मिसाइलों की मांग की, लेकिन ट्रंप ने फिलहाल इनकार कर दिया, कहा कि यह संघर्ष को बढ़ावा देगा। जेलेंस्की ने गाजा युद्धविराम की तारीफ की और कहा, “ट्रंप के पास युद्ध खत्म करने का बड़ा मौका है।” लेकिन उन्होंने भूमि छोड़ने पर सीधा जवाब टाल दिया। बैठक के बाद ट्रंप फ्लोरिडा रवाना हुए, जहां उन्होंने तत्काल युद्ध रोकने का आग्रह किया। यूरोपीय नेता ब्रिटेन के पीएम और नाटो प्रमुख के साथ चर्चा में यूक्रेन के समर्थन पर सहमत हुए, लेकिन ट्रंप का रुख शांति-केंद्रित लग रहा था। यह मुलाकात ट्रंप के मध्य पूर्व सफलता के बाद आई, जहां उन्होंने इजरायल-हमास युद्धविराम कराया था। कुल मिलाकर, यह प्रस्ताव यूक्रेन के लिए कठोर शर्त लगता है, जो रूसी आक्रमण के बाद खोई जमीन वापस लेने के सपनों पर ब्रेक लगा सकता है।

पुतिन के साथ फोन वार्ता: बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन की योजना

ट्रंप का रुख अचानक बदला जब उन्होंने बृहस्पतिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के साथ दो घंटे से अधिक की फोन वार्ता की। ट्रंप ने इसे “बहुत उत्पादक” बताया और कहा कि दोनों ने आगामी हफ्तों में हंगरी के बुडापेस्ट में मिलने का फैसला किया। ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में ट्रंप ने लिखा, “पुतिन और मैं बुडापेस्ट में मिलेंगे ताकि रूस-यूक्रेन के बीच इस ‘नीच’ युद्ध को खत्म कर सकें।” पुतिन ने भी इसे समर्थन दिया, लेकिन चेतावनी दी कि यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें देने से अमेरिका-रूस संबंध बिगड़ेंगे। ट्रंप ने पहले मिसाइल बेचने की मंशा जताई थी, लेकिन फोन के बाद झिझक दिखाई। क्रीमलिन ने कहा कि पुतिन ने ट्रंप को गाजा युद्धविराम की बधाई दी और यूक्रेन में शांति पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और रूसी समकक्ष अगले हफ्ते तैयारी बैठक करेंगे। यह दूसरी मुलाकात होगी—पहली अगस्त में अलास्का में हुई थी, जहां कोई ठोस समझौता नहीं हुआ। ट्रंप ने कहा कि पुतिन यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई को रोकना चाहते हैं। यूरोपीय संघ और नाटो ने चिंता जताई कि यह रूसी हितों को मजबूत कर सकता है। जेलेंस्की ने बैठक में पुतिन से बातचीत की संभावना पर खुलापन दिखाया, लेकिन सुरक्षा गारंटी पर जोर दिया। यह फोन वार्ता ट्रंप की शांति कूटनीति का हिस्सा लगती है, लेकिन आलोचक इसे पुतिन को रियायत मान रहे हैं। कुल मिलाकर, बुडापेस्ट सम्मेलन युद्ध समाप्ति की उम्मीद जगाता है, लेकिन यूक्रेन के लिए चुनौतीपूर्ण।

जेलेंस्की का रिएक्शन और भविष्य की राह: शांति या समझौता?

बैठक के बाद जेलेंस्की ने ट्रंप के बयान का समर्थन किया, कहा, “राष्ट्रपति सही हैं। हमें वहीं रुकना होगा जहां हम हैं और फिर बात करनी होगी।” लेकिन उन्होंने जोड़ा कि युद्ध पुतिन ने शुरू किया, इसलिए दबाव उन पर होना चाहिए। जेलेंस्की ने नाटो सदस्यता छोड़ने पर सवाल टाला, कहा कि सुरक्षा गारंटी जरूरी हैं। उन्होंने रूसी नुकसान और गाजा सफलता का हवाला देकर आशावादी दिखे, लेकिन भूमि हार मानने को संवेदनशील मुद्दा बताया। ट्रंप ने कहा कि मिसाइलें यूक्रेन को नहीं चाहिएं, बल्कि शांति वार्ता हो। यूक्रेन के डिप्टी पीएम ओलेक्सिय कुलेबा ने जेलेंस्की की प्रतिबद्धता की तारीफ की। रूस ने बैठक का स्वागत किया, लेकिन जेलेंस्की पर हमला बोला। अमेरिका ने एक हफ्ते के लिए यूक्रेन को खुफिया और सैन्य सहायता रोकी, जो बाद में बहाल हुई। स्लोवाकिया जैसे देशों ने युद्धविराम का समर्थन किया, लेकिन यूरोपीय संघ ने चिंता जताई। ट्रंप की यह रणनीति गाजा मॉडल पर आधारित लगती है, जहां उन्होंने अल्टीमेटम दिया था। भविष्य में त्रिपक्षीय बैठक की संभावना है, लेकिन रूस जेलेंस्की से मिलने से इनकार कर रहा। यह स्थिति यूक्रेन को कठिन विकल्प दे रही है—शांति के लिए समझौता या संघर्ष जारी। कुल मिलाकर, ट्रंप की कूटनीति युद्ध रोक सकती है, लेकिन न्यायपूर्ण शांति का सवाल बना रहेगा।
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Rama Niwash Pandey

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