गांधी-वाड्रा परिवार की नई सदस्य: कौन हैं अवीवा बेग? रेहान वाड्रा के साथ सगाई की खबरों के बीच सुर्खियों में बेग परिवार की बेटी
नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के सबसे शक्तिशाली और प्रतिष्ठित परिवारों में से एक, गांधी-वाड्रा परिवार में इन दिनों उत्सव और खुशियों का माहौल है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के बेटे रेहान वाड्रा की सगाई की खबरें सुर्खियों में हैं। जानकारी के अनुसार, रेहान ने अपनी लंबे समय की मित्र अवीवा बेग के साथ जीवन का नया सफर शुरू करने का फैसला किया है। सगाई का समारोह बेहद निजी रखा गया, जिसमें केवल परिवार के करीबी सदस्य और मित्र ही शामिल हुए। अवीवा बेग और रेहान वाड्रा का रिश्ता न केवल दो युवाओं का मिलन है, बल्कि यह दो ऐसे परिवारों के जुड़ाव की कहानी भी है जिनके संबंध दशकों पुराने और ऐतिहासिक हैं।
कौन हैं अवीवा बेग? एक बहुमुखी व्यक्तित्व की पहचान
अवीवा बेग दिल्ली के एक संभ्रांत और प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वे केवल गांधी परिवार के होने वाले बहू के रूप में ही नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र पेशेवर के रूप में भी अपनी एक अलग पहचान रखती हैं। अवीवा ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के मशहूर ‘मॉडर्न स्कूल’ से पूरी की, जहां उन्होंने ह्यूमैनिटीज (मानविकी) विषय को चुना। इसके बाद उन्होंने सोनीपत स्थित ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता और जनसंचार (Journalism and Communication) में स्नातक की डिग्री हासिल की।
अवीवा की रुचि केवल अकादमिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रही। वे मीडिया और संचार के विभिन्न पहलुओं की गहरी समझ रखती हैं और उन्होंने इस क्षेत्र के कई आयामों में काम भी किया है। उनकी प्रोफाइल एक ऐसे आधुनिक और रचनात्मक व्यक्तित्व को दर्शाती है जो अपनी जड़ों से जुड़े रहने के साथ-साथ वैश्विक दृष्टिकोण भी रखती हैं।
फोटोग्राफी और कला की दुनिया में अवीवा का मुकाम
अवीवा बेग पेशे से एक बेहद कुशल और संवेदनशील फोटोग्राफर हैं। कला की दुनिया में उन्होंने अपनी एक अलग जगह बनाई है। वे केवल तस्वीरें नहीं खींचतीं, बल्कि उनके माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी की कहानियों को बयां करती हैं। अवीवा ‘एटेलियर 11’ (Atelier 11) नाम की एक प्रोडक्शन कंपनी और फोटोग्राफी स्टूडियो की सह-संस्थापक (Co-founder) भी हैं। उनकी यह कंपनी भारत की बड़ी एजेंसियों, ब्रांड्स और क्लाइंट्स के साथ काम करती है और फोटोग्राफी व वीडियो प्रोडक्शन के क्षेत्र में एक उभरता हुआ नाम है।
उनकी कलात्मक क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी कलाकृतियों और फोटोग्राफी का प्रदर्शन किया है। अवीवा ने ‘मेथड गैलरी’ के साथ ‘यू कैन नॉट मिस दिस’ (2023) और ‘इंडिया आर्ट फेयर’ के ‘यंग कलेक्टर प्रोग्राम’ में अपनी फोटोग्राफी की प्रदर्शनी लगाई है। इसके अलावा द क्वोरम क्लब में ‘द इल्यूसरी वर्ल्ड’ (2019) और इंडिया डिजाइन आईडी में भी उनकी कला की सराहना हो चुकी है। उनकी फोटोग्राफी अक्सर दृश्यों के माध्यम से एक सूक्ष्म संदेश देने का प्रयास करती है, जो उनकी परिपक्व सोच को दर्शाता है।
सात साल का लंबा साथ और सोशल मीडिया पर साझा की गई खुशी
रेहान वाड्रा और अवीवा बेग एक-दूसरे को पिछले लगभग सात वर्षों से जानते हैं। इनका रिश्ता समय की कसौटी पर खरा उतरा है और दोनों ने अपनी दोस्ती को बेहद निजी बनाए रखा। हालांकि, हाल ही में अवीवा ने इंस्टाग्राम पर अपनी खुशियों की एक छोटी सी झलक साझा की। उन्होंने रेहान के साथ अपनी एक बेहद खूबसूरत और क्लोज तस्वीर इंस्टाग्राम स्टोरी पर लगाई, जिसे बाद में उन्होंने तीन दिल वाले इमोजी के साथ अपने ‘हाइलाइट्स’ सेक्शन में जगह दी।
यह तस्वीर उनके बीच की केमिस्ट्री और सगाई की खबरों की पुष्टि के रूप में देखी जा रही है। अवीवा ने अपने दोस्तों के साथ भी कुछ तस्वीरें साझा कीं, जो संभवतः सगाई के जश्न के दौरान की थीं। दोनों को अक्सर कला प्रदर्शनियों और निजी कार्यक्रमों में साथ देखा जाता रहा है, जहां उनकी बॉन्डिंग स्पष्ट नजर आती है।
गांधी और बेग परिवार: दशकों पुरानी पारिवारिक मित्रता
अवीवा और रेहान का रिश्ता अचानक नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे दोनों परिवारों की लंबी मित्रता की पृष्ठभूमि है। अवीवा के पिता इमरान बेग दिल्ली के एक सफल व्यवसायी हैं और उनकी मां नंदिता बेग देश की एक मशहूर इंटीरियर डिजाइनर हैं। बेग परिवार का गांधी परिवार से परिचय पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से रहा है।
सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि प्रियंका गांधी और नंदिता बेग के बीच पुरानी और गहरी दोस्ती है। नंदिता बेग ने ही कांग्रेस मुख्यालय ‘इंद्रा भवन’ के इंटीरियर डिजाइनिंग का काम संभाला था। इस पेशेवर जुड़ाव ने दोनों परिवारों के बीच व्यक्तिगत संबंधों को और भी मजबूत किया। यही कारण है कि रेहान और अवीवा के रिश्ते को दोनों ही परिवारों ने सहर्ष स्वीकार किया और इसे एक पारिवारिक मिलन के रूप में देखा जा रहा है।
देश-दुनिया के भ्रमण की शौकीन और कलात्मक दृष्टि
अवीवा बेग को घूमने-फिरने का बेहद शौक है। उनकी फोटोग्राफी का एक बड़ा हिस्सा उनकी यात्राओं से प्रेरित होता है। उन्होंने क्रोएशिया, बार्सिलोना, लंदन, बैंकॉक और फ्रांस जैसे देशों की यात्रा की है और वहां के जनजीवन को अपने कैमरे में कैद किया है। भारत में भी वे दिल्ली, नागपुर, लद्दाख और बनारस जैसे शहरों की सांस्कृतिक धरोहर को अपनी तस्वीरों के जरिए जीवंत कर चुकी हैं।
विशेष रूप से, अवीवा केरल के वायनाड भी विजिट कर चुकी हैं, जो वर्तमान में प्रियंका गांधी का संसदीय क्षेत्र है। उनकी यात्राएं केवल पर्यटन तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि वे वहां की कला और विजुअल आर्ट को समझने का प्रयास करती हैं। यही वह साझा शौक है जो उन्हें रेहान वाड्रा के करीब लाया, क्योंकि रेहान भी एक स्थापित विजुअल आर्टिस्ट हैं।
कौन हैं रेहान वाड्रा? विजुअल आर्टिस्ट और वाइल्डलाइफ प्रेमी
25 वर्षीय रेहान वाड्रा, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा के बड़े बेटे हैं। रेहान ने अपनी स्कूली शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित ‘दून स्कूल’ से पूरी की और उसके बाद लंदन की प्रसिद्ध SOAS यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त की। रेहान का झुकाव कभी सक्रिय राजनीति की ओर नहीं दिखा। उन्होंने खुद को एक ‘इंस्टॉलेशन और विजुअल आर्टिस्ट’ के रूप में स्थापित किया है।
रेहान वाड्रा की कलाकृतियां अक्सर सामाजिक मुद्दों और अमूर्त धारणाओं पर आधारित होती हैं। वे वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में भी गहरी दिलचस्पी रखते हैं और अक्सर रणथंभौर जैसे नेशनल पार्कों में बाघों की तस्वीरें लेते देखे जाते हैं। कला के प्रति रेहान और अवीवा का यह साझा जुनून ही उनकी जोड़ी को खास बनाता है। दोनों ने मिलकर अपनी एक रचनात्मक दुनिया बनाई है, जहां वे एक-दूसरे के काम की सराहना करते हैं और उसे प्रोत्साहित करते हैं।
भविष्य की योजनाएं और शादी की अटकलें
सगाई की खबरों के बाद अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि यह जोड़ा शादी के बंधन में कब बंधेगा। वर्तमान में गांधी-वाड्रा परिवार राजस्थान के रणथंभौर में एक निजी दौरे पर है, जहां बेग परिवार के भी मौजूद होने की खबरें हैं। माना जा रहा है कि रणथंभौर की यह यात्रा सगाई के बाद का एक औपचारिक सेलिब्रेशन है।
अवीवा बेग का वाड्रा परिवार की बहू के रूप में स्वागत होना न केवल गांधी परिवार के लिए एक खुशी का मौका है, बल्कि यह उन पुराने पारिवारिक रिश्तों को और अधिक प्रगाढ़ करने का जरिया भी है जो सालों से चले आ रहे हैं। गांधी परिवार की तीसरी पीढ़ी के इस बड़े कदम ने प्रशंसकों और समर्थकों के बीच काफी उत्साह पैदा कर दिया है।