• November 19, 2025

ऑपरेशन सिंदूर के 6 महीने बाद भी पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर मरम्मत जारी: भारत के हमलों के जख्म हरे

18 नवंबर 2025, नई दिल्ली: मई 2025 के चार दिवसीय भारत-पाकिस्तान संघर्ष में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को गहरा चोट पहुंचाई, जिसके निशान आज भी मिटे नहीं हैं। सैटेलाइट इमेजरी से साफ है कि रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस—पाकिस्तान का रणनीतिक हृदय—अभी भी मरम्मत के दौर से गुजर रहा है। OSINT विशेषज्ञ डेमियन साइमन की रिपोर्ट्स ने खुलासा किया कि भारत के प्रिसिजन स्ट्राइक्स ने यहां हैंगर, रनवे और लॉजिस्टिक साइट्स को तबाह कर दिया, जिसकी भरपाई में पाकिस्तान को महीनों लग रहे हैं। लेकिन क्या यह नुकसान पाकिस्तान की हवाई ताकत को लंबे समय तक कमजोर रखेगा? या नई सुविधाओं से वह उबर पाएगा? जैकोबाबाद जैसे अन्य बेस पर भी काम जारी। इस लेख में हम जानेंगे ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी, नुकसान की गहराई और पाकिस्तान की चुनौतियों को।

ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत: अप्रैल के पहलगाम हमले का बदला

7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया, जो अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले—जिसमें 26 नागरिक मारे गए—का जवाब था। पाकिस्तान-समर्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों पर ब्रह्मोस और स्कैल्प मिसाइलों से प्रिसिजन स्ट्राइक्स किए गए। IAF के सुखोई-30 और राफेल जेट्स ने 10 पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया: नूर खान (रावलपिंडी), जैकोबाबाद (सिंध), मुरीद, रफीकी, मुशाफ, भोलारी, कादिर, सियालकोट, सुक्कुर और रहीम यार खान। सैटेलाइट इमेज से साफ हुआ कि रहीम यार खान की रनवे पर 19 फीट का क्रेटर बना, मुशाफ पर दो बड़े गड्ढे। पाकिस्तान ने शुरुआत में इनकार किया, लेकिन PM शहबाज शरीफ ने स्वीकारा कि नूर खान जैसे बेस हिट हुए। ऑपरेशन ने पाकिस्तान की हवाई क्षमता को 30% कमजोर किया, 11 सैनिक मारे गए, 70 घायल। डेमियन साइमन ने सबसे पहले किराना हिल्स के न्यूक्लियर साइट स्ट्राइक की रिपोर्ट की। यह संघर्ष 11 मई को युद्धविराम से खत्म हुआ, लेकिन भारत ने साफ किया कि जरूरत पड़ी तो ‘ट्रिशूल’ जैसी कार्रवाई दोहराएंगे।

नूर खान एयरबेस पर हमला: रणनीतिक हृदय को चोट

नूर खान एयरबेस—इस्लामाबाद से महज 10 किमी दूर—पाकिस्तान का VVIP हब है, जहां C-130 हर्क्यूलिस, इल्यूशिन Il-78 रिफ्यूलर और K-8 ट्रेनर विमान तैनात हैं। 12 वीआईपी स्क्वाड्रन ‘बुराक्स’ यहां से ही टॉप लीडर्स को ले जाते हैं। 9-10 मई की रात 2:09 बजे भारतीय मिसाइलों ने यहां ऑपरेशंस रूम को हिट किया, दो फ्यूल ट्रक नष्ट, C-130 को कोलैटरल डैमेज। सैटेलाइट से दो मोबाइल कंट्रोल सेंटर्स क्षतिग्रस्त दिखे। साइमन ने 16 नवंबर को X पर पोस्ट किया, “पाकिस्तान नूर खान पर नई सुविधा बना रहा, ठीक उसी जगह जहां भारत ने मई 2025 में स्ट्राइक की।” इमेजरी से साफ है कि वेयरहाउस की छत ढह गई, रनवे पर मलबा। 4 सितंबर की रिपोर्ट्स में रिकंस्ट्रक्शन शुरू दिखा, लेकिन 18 नवंबर तक पूरा नहीं। आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने खुद PM शरीफ को 2:30 AM पर कॉल कर बताया। यह स्ट्राइक पाकिस्तान के लॉजिस्टिक और एयरबोर्न रडार सिस्टम को झकझोर गया, जिसकी मरम्मत में विदेशी कॉन्ट्रैक्टर्स लगे हैं।

मरम्मत की चुनौतियां: जैकोबाबाद से रहीम यार खान तक जख्म

साइमन ने 15 नवंबर को X पर जैकोबाबाद एयरबेस की इमेज शेयर की: “हैंगर की छत चरणों में हटाई गई, इंटरनल डैमेज चेक के लिए, मरम्मत से पहले।” यह बेस F-16 फ्लीट का मेंटेनेंस हब है, जहां NATO ने इस्तेमाल किया। स्ट्राइक ने हैंगर को तबाह कर दिया, रनवे क्रेटर्स बने। रहीम यार खान की रनवे 29 अगस्त तक बंद रही, NOTAM जारी। मुशाफ—PAF का ‘क्राउन ज्वेल’—पर भी दो क्रेटर्स, जहां F-16 और न्यूक्लियर एसेट्स हैं। सुक्कुर पर एयरक्राफ्ट शेल्टर डैमेज्ड। पाकिस्तान ने 70+ घायलों का इलाज किया, लेकिन रिकंस्ट्रक्शन में देरी से हवाई ऑपरेशंस प्रभावित। विशेषज्ञ कहते हैं, भारत के स्ट्राइक्स ने पाकिस्तान की स्ट्रैटेजिक डिप्थ को उजागर किया, जो 1965 युद्ध की याद दिलाता। शरीफ सरकार दावा करती है ‘विजय’, लेकिन सैटेलाइट्स झूठ नहीं बोलते। आने वाले महीनों में अगर मरम्मत पूरी न हुई, तो पाकिस्तान की डिफेंस कमजोर रहेगी।
Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *