नम आखों से शहरवासियों ने दी बलिदानी चोवाराम को श्रद्धांजलि

सेना के जवान चोवाराम सेन का पार्थिव शरीर जब 12 दिसंबर को शहर पहुंचा तब उसे श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। घड़ी चौक से लेकर विंध्यवासिनी मंदिर तक लगभग तीन किलोमीटर में पूरे शहर वासियों ने फूल बरसा कर अपने प्यार चोवाराम को नम आंखों से विदाई दी। चोवाराम के पार्थिव शरीर को पुष्प भेंटकर श्रद्धांजलि देते समय कई लोगाें की आंखें भर आई।
उल्लेखनीय है कि सेना के जवानों को ट्रेनिंग देने के दौरान गिरकर गंभीर रूप से घायल सेना के जवान चोवाराम सेन 39 वर्ष बलिदान हो गए। इस घटना से उनके स्वजन व गांव में मातम है। पूरा गांव अब उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे हैं। पूरे सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को धमतरी जिला से ग्राम सारंगपुरी ले जाया जा रहा है। गांव पहुंचने के बाद बलिदान चोवाराम सेन के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
स्वजनों ने बताया कि वर्ष 2003 में वे सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे आर्मी ट्रेनर हरियाणा हिसार में पदस्थ थे। एक माह के लिए फायर ट्रेनिंग राजस्थान में गए थे। ट्रेनिंग के दौरान वह गिरकर घायल हो गए। दुर्घटना में सिर पर गंभीर चोटें आने की वजह से ब्रेन हेमरेज हो गया था। गंभीर हालत में उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां रविवार की अलसुबह उनकी मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार ग्राम सारंगपुरी निवासी रामबगस सेन का वह मंझले पुत्र थे। गांव का वह पहले सैनिक थे। उनके साथ ही उनके छोटे भाई डोमेश्वर सेन भी सेना में जीडी के पद पर भर्ती हुए थे। पिता रामबगस सेन किसान हैं। माता कस्तूरी सेन गृहणी है। बड़ा भाई रोशन सेन जिला आरक्षक रुद्री में पदस्थ है। पत्नी गायत्री सेन हरियाणा में है। 13 साल की लड़की और छह साल का लड़का है। घटना के बाद गांव में शोक की लहर है।
जगह-जगह हुआ स्वागत
बलिदानी चोवाराम की पार्थिव शरीर शहर के बीच से गुजरा तो कई लोगों की आंखें भर आई। कई लोग अपनी नम आंखों से पार्थिव शरीर के पास पहुंचक पुष्प अर्पित करते हुए दिखाई दिए। स्कूली बच्चाें ने जयकारा लगाकर विदाई दी। वहीं कई स्थानों पर लोगों ने अपनी खड़े होकर और सेल्यूट करके संवेदना प्रकट की।
