• December 2, 2025

Winter Session Shock: शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद परिसर में दिखा ‘बेजुबान मेहमान’, हंगामा होने पर सांसद रेणुका चौधरी ने दिया चौंकाने वाला बयान

Winter Session Shock: राजधानी दिल्ली (Delhi) में संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) का आगाज़ हंगामेदार रहा। जहां एक ओर विपक्ष ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) और वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस (Congress) की एक वरिष्ठ सांसद अपनी एक हरकत से सुर्खियों में आ गईं। यह सांसद अपनी कार में एक बेजुबान जानवर को लेकर संसद भवन परिसर के अंदर तक पहुंच गईं, जिसने देखते ही देखते एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। परिसर में कुत्ता (Dog) दिखने पर हुए बवाल के बाद, जब उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने न सिर्फ अपने कदम का बचाव किया, बल्कि सत्तारूढ़ दल (Ruling Party) पर निशाना साधते हुए एक ऐसा तीखा बयान दे दिया जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उनका यह बयान अब तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने सत्र के पहले दिन की गंभीर चर्चाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला क्या है, जानते हैं विस्तार से…

संसद में कांग्रेस सांसद का अनोखा ‘एंट्री सीन’

संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session) हमेशा की तरह देश के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों और गंभीर राजनीतिक बहसों का केंद्र होता है। इस वर्ष भी, सत्र के पहले दिन विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरने के लिए अपनी रणनीति तैयार रखी थी, जिसमें स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision) और वायु प्रदूषण (Air Pollution) जैसे मुद्दे प्रमुख थे। इसी गहमागहमी के बीच, कांग्रेस की अनुभवी सांसद रेणुका चौधरी (Renuka Chowdhury) अपनी कार से संसद भवन परिसर (Parliament House Complex) के अंदर पहुंचीं। हालाँकि, उनकी यह सामान्य एंट्री तब असामान्य हो गई, जब परिसर में मौजूद लोगों ने उनकी गाड़ी के भीतर एक कुत्ते (Dog) को देखा। यह दृश्य संसद की सुरक्षा और मर्यादा के दृष्टिकोण से तुरंत चर्चा का विषय बन गया, और देखते ही देखते यह खबर राजनीतिक गलियारों में फैल गई। आमतौर पर, संसद परिसर में अनाधिकृत प्रवेश, खासकर जानवरों का, सुरक्षा मानकों का उल्लंघन माना जाता है, जिसने इस मामले को एक नई गंभीरता प्रदान कर दी।

एक्सीडेंट के बाद उठाया गया ‘पपी’, सांसद ने दी सफाई

संसद परिसर में कुत्ता लाए जाने पर जब विवाद बढ़ा, तो कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी (Renuka Chowdhury) ने खुद इस घटनाक्रम पर अपनी सफाई पेश की। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब एक मानवीय और अचानक हुई घटना थी। उन्होंने बताया कि रास्ते में एक कार और स्कूटर की टक्कर (Car and Scooter Collision) हुई थी, और उसी जगह पर एक छोटा सा पपी (Puppy) सड़क पर घूम रहा था। उन्हें आशंका हुई कि उसे चोट लग सकती है या वह किसी दुर्घटना का शिकार हो सकता है, इसलिए उन्होंने उसे बचाने के लिए तुरंत अपनी कार (Car) में उठा लिया और साथ ले आईं। सांसद के अनुसार, कुत्ता उनकी कार के अंदर ही रहा और जब वह वापस गईं, तो वह भी कार के साथ ही बाहर चला गया। उन्होंने तर्क दिया कि जब यह पूरा मामला अनजाने में हुआ है और कुत्ता परिसर से बाहर भेज दिया गया है, तो इस पर अनावश्यक रूप से कोई मुद्दा या बवाल (Row) नहीं बनाया जाना चाहिए, लेकिन उनके इस कदम ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं।

“असली काटने वाले तो पार्लियामेंट में बैठे हैं…”

संसद परिसर में कुत्ता लाने के विवाद पर रेणुका चौधरी (Renuka Chowdhury) ने अपनी सफाई देने के बाद तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। उन्होंने सीधे तौर पर सरकार (Government) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “क्या कोई कानून है?” और फिर उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “असली काटने वाले तो पार्लियामेंट में बैठे हैं। वे सरकार चलाते हैं।” उन्होंने कहा कि जब वह एक बेजुबान जानवर (Dumb Animal) की देखभाल कर रही थीं, तो यह इतना बड़ा मुद्दा और चर्चा का विषय कैसे बन गया? सांसद ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के पास क्या कोई और काम नहीं है? उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने कुत्ते को घर भेज दिया है और लोगों से कहा है कि वे उसे घर पर ही रखें। उनका यह बयान एक राजनीतिक हमला था, जिसका सीधा मकसद सत्ता पक्ष (Ruling Side) को घेरना और इस विवाद को ‘ओवररिएक्शन’ (Overreaction) करार देना था।

पीएम मोदी की विपक्ष को सलाह और सत्र का एजेंडा

कांग्रेस सांसद द्वारा संसद परिसर में कुत्ता लाने पर विवाद के बावजूद, शीतकालीन सत्र (Winter Session) अपने निर्धारित एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है। हालांकि, सत्र की शुरुआत से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विपक्ष (Opposition) को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की सलाह दी थी। पीएम मोदी ने कहा था कि यह सत्र देश की प्रगति (Progress) के लिए महत्वपूर्ण है और जनप्रतिनिधियों (People’s Representatives) को सदन में अपने मजबूत मुद्दे उठाने चाहिए। उन्होंने विपक्ष को ‘पराजय की निराशा’ से बाहर आने और ‘ड्रामा’ न करने की नसीहत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सत्र का उपयोग राष्ट्र को प्रगति की ओर ले जाने के प्रयासों में ऊर्जा भरने के लिए किया जाना चाहिए, न कि हार की भड़ास निकालने (Venting Frustration) के लिए। इस घटना के बाद, संसद की सुरक्षा और प्रवेश प्रोटोकॉल की समीक्षा होने की संभावना है, ताकि भविष्य में इस तरह की अनपेक्षित घटनाओं को रोका जा सके।

Digiqole Ad

Rama Niwash Pandey

https://ataltv.com/

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *