दिवार पर पेंटिंग कर हिंदी दिवस की दी गई शुभकामनाएं

भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम भर नहीं है। देश ,गांव ,समाज और परिवार की आत्मा भी इसके माध्यम से आकर लेती है।भाषा किसी देश व समाज की विराट ऐतिहासिक धरोहर है।इसका संवर्धन और संरक्षण अनिवार्य है।
हिंदी दिवस के मौके पर गुरुवार को अफारबिसगंज कॉलेज के बीएड विभाग के कला व्याख्याता राजेश कुमार के नेतृत्व में दीवार पर पेंटिंग का आयोजन किया गया| जिसमें भाषा रूपी एक पेड़ को दिखाया गया,जिसमें किताबें और शब्द भरे पड़े हैं।जिसमे बताया गया कि इस पेड़ की तरह ही फलते-फूलते और जड़ रूपी भाषा को मजबूत करना होगा।
मौके पर राजेश कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा 14 सितंबर 1946 को देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी भाषा के आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। तब से लगातार हिंदी भाषा भाषियों की संख्या में इजाफा हो रहा है।हमें अपनी भाषा और अपने इस धरोहर को संभाल के रखना होगा और कोशिश करनी होगी कि अधिक से अधिक हिंदी भाषा का प्रचलन हो और उपयोग हम सब करें |कला व्याख्याता के साथ-साथ छात्र अध्यापक एवं छात्रा अध्यापिकाओं ने भी पेंटिंग बनाने में सहयोग किया। इसमें लवली कुमारी कण॓,कुमारी शिवाका, दिव्या, सुमित, सुमन, विपिन ,रेशमा, सोनी और निरंजना शामिल थी।
