मेरठ में मतदाता सूची पुनरीक्षण: SSIR के बाद नाम हटने से वोटर संख्या में भारी कमी संभव, 2003 स्तर से नीचे जा सकती है
मेरठ: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR/SSIR) अभियान में मेरठ जिले से बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटने की आशंका है। वर्तमान में जिले में 26,99,820 मतदाता दर्ज हैं, लेकिन करीब 6.78 लाख ऐसे मतदाता हैं जिन्होंने गणना फॉर्म जमा नहीं किया। इनके नाम सूची से हटाए जाने से कुल मतदाता संख्या 2003 के स्तर (18.43 लाख से अधिक) से भी कम हो सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम डॉ. वीके सिंह ने कहा कि एक भी पात्र मतदाता न छूटे, इसके लिए हर स्तर पर सत्यापन किया जा रहा है। अभी मैपिंग और जांच के लिए अतिरिक्त समय मिला है। यदि किसी ने अभी तक गणना फॉर्म नहीं भरा है, तो अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क कर 2003 की मतदाता सूची के आधार पर डेटा अपडेट या मैपिंग करा सकते हैं।
SSIR प्रक्रिया पारदर्शी, भ्रम न फैलाएं: राजकुमार चाहर
फतेहपुर सीकरी से सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने मेरठ में कहा कि SSIR पूरी तरह नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया है। विपक्षी दल इसे लेकर बेवजह भ्रम फैला रहे हैं। यह अभियान मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन बनाने के लिए है।
SSIR गैरकानूनी: महमूद पार्चा
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद पार्चा ने SSIR को गैरकानूनी करार देते हुए आरोप लगाया कि BLO प्रक्रिया में हिस्सा न लेने वालों का कानूनी रूप से कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उन्होंने डिटेंशन सेंटर बनाने वालों पर तंज कसा और SSIR के दौरान जान गंवाने वाले BLO को शहीद बताया। साथ ही कुछ नेताओं को भाजपा का एजेंट बताया।यह अभियान उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में चल रहा है, जिसका उद्देश्य डुप्लीकेट, मृतक या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाकर सूची को सटीक बनाना है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन जल्द होने वाला है। पात्र मतदाता समय रहते सत्यापन कराएं ताकि उनका नाम बना रहे।