उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा मंजूर: संसद से अनुपस्थित, विदाई समारोह में भी नहीं होंगे शामिल; विपक्ष ने उठाए सवाल
नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025 : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई 2025 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को स्वीकार कर लिया। धनखड़ ने मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा की कार्यवाही संचालित की थी, लेकिन इस्तीफे के बाद वे संसद में मौजूद नहीं रहे और न ही किसी विदाई समारोह में शामिल होंगे। उनके अचानक इस्तीफे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इस्तीफे की टाइमिंग और स्वास्थ्य कारणों पर सवाल उठाते हुए इसे सियासी दबाव से जोड़ा है। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत नए उपराष्ट्रपति के लिए जल्द चुनाव कराया जाएगा। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था।
इस्तीफे की पृष्ठभूमि और स्वास्थ्य कारण
जगदीप धनखड़ (74) ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि चिकित्सकीय सलाह और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए वे संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। मार्च 2025 में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी, और डॉक्टरों ने उन्हें लंबे समय तक विश्राम की सलाह दी थी। हालांकि, सोमवार को वे पूरे दिन संसद में सक्रिय थे और कोई स्वास्थ्य समस्या का संकेत नहीं दिखा। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, “सिर्फ एक घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा?” विपक्षी नेता कपिल सिब्बल और जयराम रमेश ने भी इसे अप्रत्याशित बताते हुए सियासी कारणों की ओर इशारा किया।
विपक्ष के सवाल और सियासी अटकलें
विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि वे सोमवार शाम 5 बजे तक धनखड़ के साथ थे और 7:30 बजे फोन पर बात हुई थी, फिर भी इस्तीफा अप्रत्याशित है। राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने दावा किया कि इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं, बल्कि शीर्ष नेतृत्व से टकराव के कारण हुआ। कुछ नेताओं ने अटकलें लगाईं कि धनखड़ के बाद योगी आदित्यनाथ को उपराष्ट्रपति बनाने की तैयारी हो सकती है। धनखड़ का विपक्ष के साथ तनावपूर्ण रिश्ता रहा, और दिसंबर 2024 में ‘इंडिया’ गठबंधन ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी।
आगे क्या?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह कार्यवाहक सभापति की जिम्मेदारी संभालेंगे। संविधान के अनुच्छेद 68 के तहत नए उपराष्ट्रपति का चुनाव जल्द होगा। धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया। इससे पहले वी.वी. गिरी (1969) और कृष्ण कांत (2002, निधन के कारण) कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसदों के प्रति आभार व्यक्त किया, लेकिन उनकी अनुपस्थिति और विदाई समारोह से दूरी ने सियासी चर्चाओं को और हवा दी है।
