प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है हरेला: जय किशन

उत्तरकाशी, 16 जुलाई। जिलेभर में हरेला पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी जय किशन के नेतृत्व में विभिन्न विभागों ने आईएम क्षेत्र में वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा-अर्चना की और पारिजात का पौधा रोपित किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड में हरेला पर्व मनाया जा रहा है। यह प्रकृति को महत्व देने की परंपरा है और हम प्रकृति के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं। हरेला पर्व के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के संदेश के प्रति लोगों को जागरूक करना है। वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग एवं पर्यावरण असंतुलन जैसी समस्याओं के चलते पर्यावरण संरक्षण का महत्व बढ़ गया है। उन्होंने इस कार्यक्रम को समस्त तहसील क्षेत्रांतर्गत भव्यता से मनाये जाने को लेकर कहा कि पर्यावरण के संरक्षण व संवर्द्धन में हरेला पर्व एक विशेष पहचान रखता है। हम सभी लोगों को पौधरोपण करने के साथ ही पेड़-पौधों की रक्षा करने में किसी भी प्रकार कोताही नहीं बरतनी चाहिये।
सीडीओ जय किशन ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम रोपित कर हम सभी इस अर्थ को फलीभूत कर पौधों के संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान अवश्य दें। हरेला पर्व के ग्राम्य विकास, पुलिस, वन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, युवा कल्याण सहित जनप्रतिनिधियों ने भी बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया है। उन्होंने अपने आवास के नजदीकी स्थान पर एक पेड़ मां के नाम पर अपनी माताजी व धर्मपत्नी के साथ रोपित करने का आग्रह कर पर्यावरण संरक्षण का संन्देश दिया है।
हरेला पर्व पर जनपद में मुखेम रेंज अंतर्गत जिला मुख्यालय के ग्राम पंचायत डांग गांव में हरेला पर्व पौधरोपण कर मनाया गया।
इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्वेता राणा चौहान, अपर जिलाधिकारी रज़ा अब्बास, डीएफओ डीपी बलूनी, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी वृजेश कुमार तिवारी, गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेश रंगनाथ पांडेय, सीओ आईटीबीपी सचिन कुमार, एनडीआरएफ इंस्पेक्टर तिरेपन सिंह रावत, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.प्रेम पोखरियाल, मुख्य चिकित्साधिकारी बीएस रावत, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों, आम नागरिकों ने भी पौधरोपण किया गया।
