उत्तराखंड: केदारनाथ के पास गौरीकुंड में हेलिकॉप्टर क्रैश, पायलट समेत 7 लोगों की मौत
15 जून 2025 उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ के पास गौरीकुंड के जंगलों में एक हेलिकॉप्टर क्रैश ने पूरे देश को झकझोर दिया। आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी लौट रहा था, जिसमें पायलट सहित सात लोग सवार थे। खराब मौसम और घने कोहरे के कारण हुए इस हादसे में सभी सात लोगों की मौत हो गई। यह उत्तराखंड में छह हफ्तों में पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जिसने चारधाम यात्रा की हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस लेख में हम इस हादसे, इसके कारणों, और इसके बाद की कार्रवाइयों को तथ्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
हादसे का विवरण: समय और स्थान
हादसा रविवार सुबह लगभग 5:20 बजे हुआ, जब आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलिकॉप्टर केदारनाथ हेलीपैड से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भर चुका था। हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:10 बजे गुप्तकाशी से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी और 5:18 बजे वहां उतरा। इसके बाद, 5:19 बजे छह यात्रियों और पायलट को लेकर गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी, लेकिन गौरीकुंड और त्रिजुगीनारायण के बीच घने जंगलों में क्रैश हो गया। हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई, और सैटेलाइट तस्वीरों में मलबा बिखरा हुआ दिखाई दिया। क्रैश स्थल, गौरी माई खर्क, गौरीकुंड से लगभग 5 किमी की पैदल दूरी पर एक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में है।
मृतकों की पहचान
हादसे में मारे गए सात लोगों की पहचान इस प्रकार है:
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कैप्टन राजवीर सिंह चौहान: 39 वर्षीय पायलट, जयपुर, राजस्थान के निवासी।
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विक्रम रावत: 45 वर्ष, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के प्रतिनिधि, उखीमठ, उत्तराखंड।
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विनोद देवी: 66 वर्ष, उत्तर प्रदेश।
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तृष्टि सिंह: 19 वर्ष, उत्तर प्रदेश।
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राजकुमार सुरेश जायसवाल: 41 वर्ष, यवतमाल, महाराष्ट्र।
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श्रद्धा राजकुमार जायसवाल: 35 वर्ष, राजकुमार की पत्नी, महाराष्ट्र।
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काशी राजकुमार जायसवाल: 23 महीने की बच्ची, राजकुमार और श्रद्धा की बेटी, महाराष्ट्र।
हादसे का कारण: खराब मौसम और दृश्यता
प्रारंभिक जांच में खराब मौसम को हादसे का प्रमुख कारण बताया गया है। केदारघाटी में सुबह घना कोहरा और तेज हवाएं थीं, जिसके कारण पायलट रास्ता भटक गया। उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) के अनुसार, खराब दृश्यता ने हेलिकॉप्टर को नियंत्रित करना मुश्किल कर दिया, जिससे यह दुर्गम जंगल में क्रैश हो गया। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह राजवार ने बताया कि हादसा गौरीकुंड के ऊपर जंगलों में हुआ, जहां पहुंचना चुनौतीपूर्ण था।
बचाव और राहत कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें सुबह 7 बजे गौरीकुंड पहुंचीं और 8:55 बजे से बचाव कार्य शुरू किया। क्रैश स्थल की दुर्गमता के कारण टीमें पैदल 5 किमी की चढ़ाई चढ़कर पहुंचीं। स्थानीय लोगों ने सबसे पहले मलबा देखा और प्रशासन को सूचित किया। SDRF कमांडेंट अर्पण यदुवंशी के नेतृत्व में राहत कार्य चला, लेकिन सभी सात लोग जलकर मृत पाए गए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया: कड़े नियम और जांच
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताया और तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें मुख्य सचिव, पर्यटन सचिव, आपदा प्रबंधन सचिव, UCADA, और DGCA के अधिकारी शामिल हुए। धामी ने हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) लागू करने के निर्देश दिए, जिसमें उड़ान से पहले तकनीकी जांच और मौसम की सटीक जानकारी अनिवार्य होगी। चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर सेवाएं अगले आदेश तक निलंबित कर दी गई हैं। DGCA ने भी चारधाम मार्ग पर उड़ानों की आवृत्ति आधी कर दी और सुरक्षा मानकों की समीक्षा शुरू की।
हाल के हादसे: चारधाम यात्रा में बढ़ती चिंता
यह उत्तराखंड में छह हफ्तों में पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है। इससे पहले:
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8 मई 2025: उत्तरकाशी में गंगोत्री धाम जाते हुए हेलिकॉप्टर क्रैश, छह लोगों की मौत।
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7 जून 2025: केदारनाथ जाते हुए हेलिकॉप्टर की हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग, पायलट घायल।
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17 मई 2025: AIIMS का हेलिकॉप्टर केदारनाथ में इमरजेंसी लैंडिंग, सभी यात्री सुरक्षित।
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31 अगस्त 2024: तकनीकी खराबी वाले हेलिकॉप्टर को एयरलिफ्ट करते समय रस्सी टूटने से क्रैश, कोई हताहत नहीं।
इन हादसों ने चारधाम यात्रा की हवाई सेवाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।
नेताओं की प्रतिक्रिया: शोक और मुआवजा
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पुष्कर सिंह धामी: “यह हादसा हृदयविदारक है। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं।”
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ममता बनर्जी: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “यह एक और दुखद नागरिक उड्डयन त्रासदी है। मेरी प्रार्थनाएं मृतकों के परिवारों के साथ हैं।”
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अशोक गहलोत: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री ने पायलट राजवीर सिंह चौहान के निधन पर शोक जताया।
मुख्यमंत्री धामी ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने और घायलों के इलाज की घोषणा की, हालांकि इस हादसे में कोई जीवित नहीं बचा।
निष्कर्ष: सुरक्षा पर सवाल और भविष्य के कदम
केदारनाथ के पास गौरीकुंड में हुआ यह हेलिकॉप्टर क्रैश चारधाम यात्रा के दौरान हवाई सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है। खराब मौसम, घने जंगल, और दुर्गम इलाकों ने इस हादसे को और घातक बनाया। सात लोगों—पायलट राजवीर सिंह चौहान, विक्रम रावत, विनोद देवी, तृष्टि सिंह, राजकुमार, श्रद्धा, और छोटी काशी—की मौत ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया। उत्तराखंड सरकार और DGCA की सख्त कार्रवाइयां और नए SOP लागू करना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन बार-बार होने वाले हादसे यह सवाल उठाते हैं कि क्या चारधाम यात्रा की हेलिकॉप्टर सेवाएं पूरी तरह सुरक्षित हो पाएंगी? भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कड़े कदम और बेहतर तकनीकी प्रबंधन जरूरी हैं।
