करवा चौथ पर उत्तराखंड सरकार का तोहफा: महिला कर्मचारियों को मिला अवकाश
देहरादून, 10 अक्टूबर 2025: उत्तराखंड सरकार ने करवा चौथ के पावन पर्व पर महिला कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को राज्य के सभी शासकीय और अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों में कार्यरत महिलाओं के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। यह फैसला भारतीय संस्कृति और महिलाओं की आस्था का सम्मान करते हुए लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह अवकाश महिलाओं के प्रति सम्मान और पारिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने का प्रतीक है। इस घोषणा से प्रदेशभर की महिला कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। आइए, इस फैसले की पूरी कहानी जानते हैं।
महिलाओं को सम्मान: करवा चौथ पर अवकाश का ऐलान
उत्तराखंड सरकार ने करवा चौथ के मौके पर सभी महिला कर्मचारियों के लिए 10 अक्टूबर 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मुख्य सचिवालय से जारी आदेश में सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यह पर्व भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और पूरे दिन भूखी-प्यासी रहकर पूजा-अर्चना करती हैं। ऐसे में कामकाजी महिलाओं को कार्यालयी जिम्मेदारियों से मुक्ति देकर उनकी आस्था और परंपराओं का सम्मान करने का निर्णय लिया गया। यह अवकाश शासकीय, अशासकीय कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य प्रतिष्ठानों में लागू होगा। सरकार का यह कदम महिलाओं की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं को प्राथमिकता देने का एक अनूठा उदाहरण है।
सीएम धामी का संदेश: संस्कृति और सम्मान की पहल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवकाश की घोषणा को भारतीय संस्कृति के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता से जोड़ा। उन्होंने कहा, “करवा चौथ न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह परिवार की सुख-समृद्धि और पति-पत्नी के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। महिलाएं इस दिन कठिन व्रत रखती हैं, और हमारा कर्तव्य है कि उनकी आस्था का सम्मान करें।” सीएम ने इस फैसले को महिलाओं के प्रति सम्मान और परंपराओं को संजोने की दिशा में एक कदम बताया। उनके इस बयान ने न केवल महिला कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाया, बल्कि समाज में सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की उनकी मंशा को भी रेखांकित किया। यह पहल उत्तराखंड सरकार की संवेदनशीलता और समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन सकती है।
खुशी और स्वागत: महिला कर्मचारियों का उत्साह
सीएम धामी के इस फैसले ने उत्तराखंड की महिला कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ा दी है। कई कर्मचारियों ने इस कदम को परंपराओं के प्रति सरकार की संवेदनशीलता का प्रतीक बताया। एक महिला कर्मचारी ने कहा, “करवा चौथ का व्रत कठिन होता है, और पूरे दिन ऑफिस में काम करना मुश्किल हो जाता है। यह अवकाश हमें अपनी धार्मिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों को सहजता से निभाने का मौका देगा।” इस फैसले को महिलाओं के सम्मान और उनके कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी कर्मचारियों ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। यह कदम न केवल महिलाओं की आस्था का सम्मान करता है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूत करता है।
