यूपी : पारंपरिक शिल्प-पेशे को और समृद्ध करने की तैयारी

प्रदेश की योगी सरकार पारंपरिक शिल्प-पेशे को और समृद्ध करने की तैयारी में जुटी हुई है। यूपी में पांच साल पहले से संचालित विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के साथ ही अब यहां के शिल्पकारों और कारीगरों को मोदी सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना से भी आच्छादित किया जायेगा। उनके कारोबार को नई ऊंचाई तक पहुंचाया जाएगा।

17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लांच होने वाली पीएम विश्वकर्मा योजना के दायरे में 18 प्रकार के पारंपरिक कार्यों से जुड़े शिल्पकार व कारीगर आएंगे। पात्र शिल्पकारों व कारीगरों को योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए योजना की लांचिंग से पूर्व उनके पंजीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू है।

गोरखपुर में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने उपायुक्त उद्योग, उपायुक्त स्वतः रोजगार, सहायक श्रमायुक्त, जिला पंचायत राज अधिकारी, सभी विकास खंड अधिकारियों और नगरीय निकायों के सभी अधिशासी अधिकारियों को योजना लांचिंग से पूर्व पात्र कारीगरों और शिल्पकारों के पंजीकरण की जिम्मेदारी सौंपी है। ये अधिकारी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के शिल्पकारों और कारीगरों का पंजीकरण योजना की वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in. पर 17 सितंबर से पहले कराना सुनिश्चित करेंगे।

योजना में इन्हें किया जाएगा शामिल

बढ़ई, लोहार, कुम्हार, सुनार, ताला, पाश साज, राजमिस्त्री, हथौड़ा एवं अन्य औजार साज, धोबी, कश्ती निर्माण करने वाले, शस्त्र साज, मछली पकड़ (मछुवाही) जाल निर्माता, दर्जी, मूर्तिकार, डलिया, चटाई, झाड़ू बुनकर, काथी साज, मोची, चर्म साज, गुड़िया व खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, हज्जाम व मालाकार।

पंजीकृत शिल्पकारों व कारीगरों यह मिलेगा लाभ

पीएम विश्वकर्मा योजना योजना से आच्छादित शिल्पकारों व कारीगरों को 15 हजार रुपये टूलकिट खरीदने के लिए मिलेंगे। इसके साथ ही पेशे को विस्तार देने के लिए काफी कम ब्याज दर पर एक लाख रुपये का लोन मिलेगा। पहला लोन चुकता करने पर दो लाख रुपये का दूसरा लोन भी मिल सकेगा।

यूपी में पहले से मिल रहा प्रोत्साहन

वरिष्ठ पत्रकार राजीव दत्त पाण्डेय का कहना है कि योगी सरकार द्वारा कारीगरों व शिल्पकारों का जीवन स्तर समुन्नत करने के लिए सितंबर 2018 से ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से अच्छादित किया जा रहा है। कारीगरों व शिल्पकारों को नि:शुल्क प्रशिक्षण व उनके पेशे से संबंधित टूलकिट भी मुफ्त दे रही है। पारंपरिक पेशे को उद्यम का रूप देने के लिए 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक कि आर्थिक सहायता भी मुहैया कराई जा रही है।

Digiqole Ad

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *