यूपी विधानमंडल शीतकालीन सत्र: मुख्यमंत्री योगी और नेता प्रतिपक्ष ने विधायक सुधाकर सिंह को दी श्रद्धांजलि, कफ सिरप और वंदे मातरम पर हंगामे के आसार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से औपचारिक रूप से प्रारंभ हो गया है। सत्र के पहले दिन की कार्यवाही की शुरुआत अत्यंत भावुक माहौल में हुई, जहां सत्ता पक्ष और विपक्ष ने मतभेदों को किनारे रखकर एक सुर में पूर्व दिवंगत विधायक को याद किया। हालांकि, सदन की औपचारिक कार्यवाही शुरू होने से पहले ही राजनीतिक गलियारों में कफ सिरप कांड, मतदाता सूची पुनरीक्षण और आगामी 24 जनवरी को प्रस्तावित ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा को लेकर तीखी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां सदन को चर्चा का सर्वश्रेष्ठ मंच बताया है, वहीं विपक्ष ने सरकार को विभिन्न जनहित के मुद्दों पर घेरने की पूरी रणनीति तैयार कर ली है।
सदन की शुरुआत में दिवंगत विधायक सुधाकर सिंह को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि
यूपी विधानमंडल सत्र के पहले दिन की कार्यवाही विधायी परंपराओं के अनुरूप शोक संवेदनाओं के साथ शुरू हुई। सदन में हाल ही में दिवंगत हुए समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह के समाज के प्रति योगदान को याद किया गया। नेता सदन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुधाकर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने अपने क्षेत्र और समाज के विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य किया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए उन्हें एक कर्मठ जनप्रतिनिधि बताया। सभी दलों के प्रमुख नेताओं ने बारी-बारी से शोक व्यक्त किया और दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। शोक प्रस्ताव के कारण पहले दिन की कार्यवाही के अन्य विधायी कार्यों में संक्षिप्तता रही, लेकिन बाहर राजनीतिक सरगर्मियां तेज रहीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मीडिया संबोधन और स्थापना दिवस का विशेष आयोजन
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया कि सरकार सदन के भीतर हर ज्वलंत मुद्दे पर सकारात्मक चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्षी दलों से अपील की कि वे सदन को लोकतांत्रिक चर्चा का केंद्र बनाएं और जनता की समस्याओं को शालीनता से उठाएं। मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर विधानमंडल में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ पर एक विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के नेताओं से इस ऐतिहासिक चर्चा में भाग लेने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार सभी विधेयकों और विकास कार्यों पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कफ सिरप कांड और एसआईआर पर विपक्ष के तल्ख तेवर
सत्र के पहले दिन ही समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार विपक्ष के पास ‘कोडीन कफ सिरप’ की तस्करी और जहरीली सिरप से बच्चों की मौत का एक बड़ा मुद्दा है। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने सरकार की ‘बुलडोजर नीति’ पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब हजारों करोड़ रुपये का गबन हो रहा है और जहरीली दवाओं से मासूमों की जान जा रही है, तब सरकार का बुलडोजर खामोश क्यों है? सिन्हा ने तंज कसते हुए कहा कि क्या सरकार के बुलडोजर का ड्राइवर भी कफ सिरप पीकर सो गया है? इसके अलावा, विपक्षी दल मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) में धांधली का आरोप लगाते हुए सदन में भारी हंगामे की तैयारी में हैं।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की संसदीय गरिमा बनाए रखने की अपील
सत्र को सुचारू और शांतिपूर्ण ढंग से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सर्वदलीय बैठक और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक की अध्यक्षता की। अध्यक्ष ने सभी दलीय नेताओं से आग्रह किया कि वे सदन के भीतर शालीनता और संसदीय मर्यादाओं का पालन करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह हर सदस्य को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय देंगे, बशर्ते वह लोकतांत्रिक और संवैधानिक ढांचे के भीतर हो। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने भी आश्वस्त किया कि सरकार किसी भी मुद्दे से भाग नहीं रही है और प्रत्येक प्रश्न का गंभीरता से उत्तर दिया जाएगा। सरकार का मानना है कि जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं के समाधान का प्राथमिक केंद्र होते हैं, इसलिए सार्थक बहस ही जनता का भला कर सकती है।
वंदे मातरम पर प्रस्तावित चर्चा और संभावित राजनीतिक टकराव
योगी सरकार द्वारा 24 जनवरी को वंदे मातरम पर चर्चा कराने के फैसले को लेकर भी सदन में घमासान होने की आशंका है। जहां भाजपा इसे राष्ट्रवाद और राज्य के गौरव से जोड़कर देख रही है, वहीं विपक्ष इसे असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दे रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्षी दल इस चर्चा का बहिष्कार कर सकते हैं या इस दौरान अन्य महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दों जैसे महंगाई, बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था पर कार्यस्थगन का प्रस्ताव ला सकते हैं। कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश विधानमंडल का यह शीतकालीन सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है, जिसमें विकास कार्यों के साथ-साथ तीखी राजनीतिक नोकझोंक भी देखने को मिलेगी।