• November 27, 2025

UP की इस Key Seat पर 6 महीने के अंदर होगा Polls, MLA Sudhakar Singh के निधन के बाद विधानसभा सचिवालय ने जारी किया Formal Order!

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण घोसी (Ghosi) विधानसभा सीट पर एक बार फिर उपचुनाव (By-election) होने का रास्ता साफ हो गया है। विधानसभा सचिवालय (Vidhan Sabha Secretariat) ने मऊ (Mau) जिले की इस सीट को औपचारिक रूप से रिक्त (Vacant) घोषित करने का आदेश जारी कर दिया है। यह सीट समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party – SP) के क्षेत्रीय विधायक सुधाकर सिंह (MLA Sudhakar Singh) के हालिया निधन के कारण खाली हुई है। नियमों के अनुसार, अब अगले छह महीने के भीतर इस सीट पर अनिवार्य रूप से उपचुनाव कराए जाएंगे। घोसी (Ghosi) सीट पिछले कुछ वर्षों से लगातार चर्चा में रही है, क्योंकि 2022 के बाद यह दूसरी बार है जब इस पर उपचुनाव होने जा रहा है। इस आदेश के बाद, राज्यपाल (Governor), मुख्यमंत्री (Chief Minister), और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) सहित सभी संबंधित विभागों को सूचना दे दी गई है, जिससे राज्य की राजनीति में चुनावी सरगर्मियां फिर से बढ़ने की उम्मीद है। तो चलिए जानते हैं पूरी खबर क्या है, जानते हैं विस्तार से…

सपा विधायक का निधन और संवैधानिक प्रक्रिया

मऊ (Mau) जिले की घोसी (Ghosi) विधानसभा सीट के रिक्त होने की पृष्ठभूमि समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) के पिछले सप्ताह 20 नवंबर को हुए निधन से जुड़ी है। क्षेत्रीय नेता सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन के बाद, विधानसभा सचिवालय (Vidhan Sabha Secretariat) ने सीट को औपचारिक रूप से रिक्त घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। भारतीय चुनावी नियमों के अनुसार, जब कोई जनप्रतिनिधि (Public Representative) अपनी मृत्यु, इस्तीफा या अयोग्य ठहराए जाने के कारण सीट खाली करता है, तो भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के लिए यह अनिवार्य होता है कि वह अगले छह महीने की अवधि के भीतर उस खाली सीट पर उपचुनाव कराए। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है और इसकी सूचना राज्यपाल (Governor), मुख्यमंत्री (Chief Minister) और निर्वाचन अधिकारी (Election Officer) सहित सभी संबंधित प्राधिकारियों को भेज दी गई है, जिससे चुनावी तैयारियों का रास्ता खुल गया है।

सचिवालय का आदेश और छह महीने की समय सीमा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा सचिवालय (Vidhan Sabha Secretariat) ने घोसी (Ghosi) विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करने का आदेश जारी करके, इस पर उपचुनाव कराने की प्रक्रिया को औपचारिक गति दे दी है। जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि समाजवादी पार्टी (SP) के विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) के निधन के कारण यह सीट अब खाली है। इस आदेश के साथ ही, अगले छह महीने (Six Months) की संवैधानिक समय सीमा सक्रिय हो गई है, जिसके अंदर भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को घोसी (Ghosi) में मतदान कराना होगा। सचिवालय की ओर से इस संबंध में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के राज्यपाल (Governor), मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), विधानसभा के सदस्यों, मऊ (Mau) के जिला मजिस्ट्रेट (DM Mau) और मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) को सूचना भेज दी गई है। इस घोषणा से यह तय हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2027 (Lok Sabha Election 2027) से पहले राज्य में एक और महत्वपूर्ण चुनावी जंग देखने को मिलेगी।

घोसी सीट का चर्चित इतिहास: 2022 और 2023 की चुनावी जंग

घोसी (Ghosi) विधानसभा सीट पिछले कुछ वर्षों से राजनीतिक रूप से अत्यंत चर्चित रही है। 2022 के विधानसभा चुनाव में, इस सीट से भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party – BJP) छोड़कर समाजवादी पार्टी (SP) में शामिल हुए दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) ने जीत हासिल की थी। हालांकि, जीत के एक साल के भीतर ही दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और फिर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। इस इस्तीफे के कारण 2023 में घोसी (Ghosi) में उपचुनाव हुए, जो प्रदेश की राजनीति का केंद्र बन गया। 2023 के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को फिर से टिकट दिया, जबकि समाजवादी पार्टी (SP) ने सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) को मैदान में उतारा। इस चुनाव में सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) को 50 हजार से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को झटका दिया था।

वर्तमान स्थिति और आगामी राजनीतिक परिदृश्य

घोसी (Ghosi) सीट एक बार फिर खाली होने से यह तय हो गया है कि आगामी महीनों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीतिक सरगर्मियां तेज होंगी। 2023 के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हार के बाद, इस बार यह सीट दोनों प्रमुख दलों—भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP)—के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न (Prestige Issue) बन गई है। समाजवादी पार्टी (SP) निश्चित रूप से अपने दिवंगत विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) द्वारा स्थापित जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की कोशिश करेगी। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछली हार का बदला लेने के लिए पूरा जोर लगाएगी और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अपना जनाधार मजबूत करना चाहेगी। विधानसभा सचिवालय (Vidhan Sabha Secretariat) के आदेश के बाद, अब सभी राजनीतिक दलों ने संभावित उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीति (Electoral Strategy) पर आंतरिक रूप से काम करना शुरू कर दिया है। यह उपचुनाव 2027 के महामुकाबले से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक लिटमस टेस्ट (Litmus Test) साबित होगा।

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Rama Niwash Pandey

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