उत्तराखंड में आज से लागू हुआ (UCC )यूनिफार्म सिविल कोड , क्या बदलेगा UCC से ?
बीते दिन रविवार को उत्तराखंड में निकाय चुनाव के परिणाम सामने आए थे. जहाँ 11 नगर निगम की सीटें थी. जिसमें से बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं आज से उत्तराखंड में UCC (UNIFORM CIVIL CODE ) लागू हो गया हैं. बता दें की उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य हैं जहां पर UCC यूनिफार्म सिविल कोड यानि सामान नागरिक सहिंता लागू हुई हैं. वहीं इस यूनिफार्म सिविल कोड के तहत रिलेशनशिप , शादी , बहुविवाह जैसे कानून पहले जैसे नहीं रहेंगे। इस कानून के लागू होते ही इस राज्य में मैरिज रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा। तो चलिए जानते हैं सामान नागरिक सहिंता के बारे में.
लिन-इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
यूनिफॉर्म सिविल कोड में लिन-इन रिलेशन में रहने के लिए माता-पिता की अनुमति अनिवार्य होगी. इन रिश्ते में रहने वाले कपल को रजिस्ट्रार के सामने संबंध की घोषणा करनी होगी. अगर वे संबंध खत्म करना चाहते हैं तो इसकी जानकारी भी रजिस्ट्रार को देनी होगी. लिव- इन से पैदा हुए बच्चे को वैध माना जाएगा. लिव इन रिलेशन टूटने पर महिला गुजारा भत्ते की मांग कर सकेगी. बिना सूचना दिए एक महीने से ज्यादा लिव इन में रहने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हैं…
यूसीसी के लागू होते ही सभी विवाहों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो जाएगा. लोगों को अपने विवाह को ऑनलाइन पंजीकृत करने में मदद करने के लिए सुविधाएं बनाई गई हैं ताकि उन्हें इसके लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें. इसके लिए कट ऑफ 27 मार्च 2010 रखा गया है. यानी इस दिन से हुए सभी विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. विवाह का पंजीकरण 6 महीने के भीतर कराना अनिवार्य होगा.
बेटा हो या बेटी होगा बराबर हक़दार
UCC के तहत माँ बाप की सम्पति में बच्चों का होगा बराबर का हक़दार । चाहे लड़की हो या लड़का दोनों को मिलेगा बराबर का हक़दार। वहीं प्राकृतिक संबंधों के आधार पर जन्मे, सहायक विधियों द्वारा जन्मे या लिव इन आदि संबंधों द्वारा जन्मे बच्चों का भी संपत्ति में बराबर अधिकार माना जाएगा. इस कानून के अंतर्गत सभी धर्म और समुदायों में बेटी को भी संपत्ति में समान अधिकार प्रदान किए गए हैं.
18 साल से पहले नहीं क्र सकते शादी
सभी धर्म अपनी – अपनी रीती रिवाजों के साथ शादी कर सकते हैं. लेकिन शादी करने के लिए उम्र 18 के बाद की हैं वहीं मुस्लिम लड़कियों का विवाह में भी 18 की उम्र के बाद होगा।
हलाला पर लगी रोक
UCC लागू होने के बाद मुस्लिम में प्रचलित हलाला प्रथा पर रोक लगा दी गई हैं. और बहुविवाह पर भी रोक लगा दी गई हैं.
तलाक का भी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हैं…
UCC के मुताबिक अगर आपका तलाक हो चूका हैं तो इसका भी रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हैं. रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आपको ओफ्फिकल वेबसाइट पर जाना होगा। जहाँ पर तलाक का रजिस्ट्रेशन होगा।