• October 15, 2025

‘पटक-पटक कर मारेंगे’ बयान पर उद्धव ठाकरे का पलटवार, निशिकांत दुबे को बताया ‘लकड़बग्घा’

मुंबई, 8 जुलाई 2025:  महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के विवादित बयान, “बिहार, यूपी आओ, पटक-पटक कर मारेंगे,” पर शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तीखा पलटवार किया है। उद्धव ने दुबे को ‘लकड़बग्घा’ करार देते हुए कहा कि ऐसे लोग महाराष्ट्र में शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने पर एक हिंदी भाषी दुकानदार की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ। इसके जवाब में MNS प्रमुख राज ठाकरे के बयान, “मारो, लेकिन वीडियो मत बनाओ,” पर निशिकांत ने ठाकरे बंधुओं को चुनौती दी थी। उद्धव ने बीजेपी पर ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया, साथ ही कहा कि उनकी पार्टी किसी भाषा के खिलाफ नहीं है।

निशिकांत दुबे का विवादित बयान 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 7 जुलाई 2025 को गुवाहाटी में एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में MNS प्रमुख राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “अगर इतनी हिम्मत है तो हिंदी बोलने वालों को पीटने की बजाय उर्दू, तमिल, तेलुगु बोल электронной को भी पीटो। महाराष्ट्र से बाहर बिहार, यूपी, तमिलनाडु आओ, तुम्हें पटक-पटक कर मारेंगे।” दुबे ने ठाकरे बंधुओं पर बीएमसी चुनाव से पहले ‘सस्ती राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि महाराष्ट्र हिंदी भाषी राज्यों के करों पर चलता है। उन्होंने माहिम दरगाह के पास हिंदी या उर्दू बोलने वालों को पीटने की चुनौती दी। दुबे ने यह भी कहा कि वे मराठी संस्कृति का सम्मान करते हैं, लेकिन इस तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी। इस बयान ने सियासी विवाद को और भड़का दिया।

उद्धव ठाकरे का तीखा जवाब 

उद्धव ठाकरे ने निशिकांत दुबे के बयान पर कड़ा पलटवार करते हुए उन्हें ‘लकड़बग्घा’ करार दिया। उन्होंने कहा, “छोड़ो दुबे-बिबे, ऐसे कई लकड़बग्घे देखे हैं जो विवाद पैदा करते हैं। हमारी महाराष्ट्र की जनता सब जानती है।” उद्धव ने बीजेपी पर ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी हिंदी या किसी अन्य भाषा के खिलाफ नहीं है, बल्कि भाषा थोपने का विरोध करती है। उन्होंने बीजेपी नेता आशीष शेलार की गैर-मराठी भाषियों पर हिंसा को पहलगाम आतंकी हमले से तुलना करने की भी आलोचना की। उद्धव ने 5 जुलाई की ‘मराठी विजय रैली’ की सफलता का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी उनकी एकता से बेचैन है। यह रैली राज और उद्धव ठाकरे ने हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के खिलाफ आयोजित की थी।

विवाद की जड़ और सियासी तनाव 

यह विवाद तब शुरू हुआ जब महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पहली से पांचवीं कक्षा में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया। राज और उद्धव ठाकरे ने इसे ‘हिंदी थोपना’ करार देकर विरोध किया। 5 जुलाई को मुंबई में आयोजित ‘मराठी विजय रैली’ में दोनों ने एक मंच साझा किया, जिसे ‘मराठी अस्मिता’ की जीत बताया। इस बीच, MNS कार्यकर्ताओं द्वारा मराठी न बोलने पर हिंदी भाषी दुकानदारों की पिटाई के वीडियो वायरल हुए, जिसने विवाद को और हवा दी। निशिकांत दुबे ने इसे ‘सस्ती राजनीति’ करार दिया और ठाकरे बंधुओं को बिहार-यूपी आने की चुनौती दी। बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दुबे के बयान से किनारा करते हुए इसे गलत बताया। यह विवाद बीएमसी चुनाव से पहले सियासी माहौल को और गर्मा सकता है।

निष्कर्ष 

निशिकांत दुबे का ‘पटक-पटक कर मारेंगे’ वाला बयान और उद्धव ठाकरे का ‘लकड़बग्घा’ वाला पलटवार महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद को नई ऊंचाई पर ले गया है। यह विवाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के फैसले और MNS कार्यकर्ताओं द्वारा हिंदी भाषियों पर कथित हमलों से शुरू हुआ। उद्धव और राज ठाकरे ने इसे ‘मराठी अस्मिता’ का मुद्दा बनाकर बीजेपी पर हमला बोला, जबकि निशिकांत ने इसे वोटबैंक की राजनीति करार दिया। उद्धव का कहना है कि उनकी लड़ाई किसी भाषा के खिलाफ नहीं, बल्कि बीजेपी की ‘फूट डालो और राज करो’ नीति के खिलाफ है। फडणवीस द्वारा दुबे के बयान को गलत बताने से बीजेपी की स्थिति असहज हो गई है। यह विवाद बीएमसी चुनाव से पहले महाराष्ट्र की सियासत को और गरमा सकता है। सभी पक्षों को संयमित भाषा और संवाद के जरिए इस तनाव को कम करने की जरूरत है, ताकि सामाजिक सौहार्द बरकरार रहे।

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Rama Niwash Pandey

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