पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में टीटीपी का कहर, 24 घंटे में 16 हमले, 48 घंटे में 32 हमलों से दहला पाकिस्तान
पाकिस्तान 25 अक्टूबर, 2025: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने एक के बाद एक हमलों की बौछार कर दी है। सिर्फ 48 घंटों में 32 हमले, जिनमें 24 घंटों में 16, ने सुरक्षा बलों को हिलाकर रख दिया। दक्षिण वजीरिस्तान से स्वात तक फैले इन हमलों ने सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, जहां स्नाइपर्स और भारी हथियारों का इस्तेमाल हुआ। आठ जिलों में फैली यह हिंसा न केवल पाकिस्तानी सेना के लिए चुनौती है, बल्कि पूरे क्षेत्र को आतंक के भंवर में धकेल रही है। क्या है टीटीपी की इस नई रणनीति का राज, जो अफगानिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ा रही है? आइए, तीन हिस्सों में जानते हैं इस खौफनाक घटनाक्रम को, जहां हर हमला एक नई चेतावनी है।
दक्षिण वजीरिस्तान और बाजौर: स्नाइपरों का निशाना
खैबर पख्तूनख्वा के दक्षिण वजीरिस्तान में टीटीपी ने सरवेकाई, जरमिलिना, आजम वारसक और टोरा गोला जैसे इलाकों में सेना की चौकियों पर स्नाइपर और भारी हथियारों से हमला बोला। एक सैनिक की मौत हो गई, जबकि निगरानी प्रणाली तबाह कर दी गई। बाजौर जिले के लोई ममंद और वारा ममंद में मोर्टार और लेजर गाइडेड हथियारों से दो सैनिक शहीद हुए, एक बख्तरबंद वाहन नष्ट हो गया। ये हमले 24 घंटों में हुए 16 हमलों का हिस्सा थे, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना को गहरा झटका दिया। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि टीटीपी ने अफगानिस्तान से समर्थन लेकर अपनी क्षमता बढ़ाई है, जिससे सीमा पर तनाव चरम पर है। स्थानीय लोग घरों में कैद हो गए हैं, और सेना की गश्त दोगुनी हो गई है। यह हिंसा क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रही है।
खैबर और उत्तर वजीरिस्तान: माइन ब्लास्ट और घात
खैबर जिले के लांडी कोटल और बारा में फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) और पुलिस पोस्ट पर टीटीपी ने हमला किया। एक माइन ब्लास्ट ने पुलिस चौकी को ध्वस्त कर दिया, तीन FC जवान घायल हुए। उत्तर वजीरिस्तान के मीर अली में 50 मिनट की लंबी गोलीबारी में कई सैनिक घायल हो गए। चितराल में दो बीएम मिसाइलों से अरसून गैरीसन पर हमला हुआ, राशन डिपो जलकर राख हो गया। टैंक जिले में घात लगाकर सैन्य दल पर धावा बोला गया, जबकि लक्की मरवत में FC जवान रफीउल्लाह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। ये 48 घंटों के 32 हमलों का हिस्सा हैं, जो आठ जिलों में फैले हुए हैं। पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई में आठ टीटीपी आतंकी मार गिराए, लेकिन हताहतों की संख्या बढ़ रही है। अफगानिस्तान पर आरोप लग रहे हैं कि वहां से हमलों का सहयोग मिल रहा है।
स्वात में मुखबिर पर हमला: टीटीपी का बढ़ता वर्चस्व
स्वात जिले में टीटीपी ने शांति समिति सदस्य और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) के मुखबिर शाह वजीर खान पर बम हमला किया, वे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला सुरक्षा बलों के नेटवर्क को निशाना बनाने की रणनीति का हिस्सा लगता है। पिछले 48 घंटों में 32 हमलों से पाकिस्तान दहल गया है, और टीटीपी का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। सेना ने 298 मौतों के साथ सालभर में 2366 ऑपरेशन चलाए, लेकिन हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि टीटीपी का पुनरुत्थान अफगान तालिबान के समर्थन से हो रहा है, जो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। स्थानीय लोग और सेना के जवान भय के साये में जी रहे हैं, जबकि सरकार सख्त कदमों की योजना बना रही है।