ट्रंप का इजरायली संसद संबोधन: हंगामे में फटकी सांसदों की आवाज, ‘फिलिस्तीन को मान्यता दो’ के नारे
यरूशलेम, 14 अक्टूबर 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इजरायल की संसद ‘नेसेट’ में संबोधन शांति का संदेश देने वाला था, लेकिन दो अरब सांसदों के विरोध ने हंगामा मचा दिया। हदश-ताअल पार्टी के आयमेन ओदेह और ओफर कासिफ ने तख्तियां दिखाईं—’फिलिस्तीन को मान्यता दो’—और ट्रंप की ओर बढ़े। सुरक्षा बलों ने उन्हें घसीटकर बाहर निकाला। ट्रंप ने हंसते हुए कहा, ‘यह कारगर तरीका है।’ यह घटना गाजा शांति योजना के ठीक बाद हुई, जहां हमास ने 20 बंधकों को रिहा किया। क्या यह विरोध शांति प्रक्रिया पर सेंध लगाएगा? वीडियो वायरल हो गया, पूरी घटना आगे…
हंगामे का लम्हा: तख्तियां, नारे और बाहर का रास्ता
ट्रंप ने नेसेट में गाजा युद्ध के अंत का जश्न मनाते हुए बोलना शुरू किया, तभी हंगामा हुआ। हदश-ताअल पार्टी के चेयरमैन आयमेन ओदेह ने तख्ती लहराई—’Recognize Palestine’—और चिल्लाए, ‘यह नरसंहार है!’ ओफर कासिफ ने भी कोशिश की, लेकिन सुरक्षा गार्डों ने दोनों को पकड़ लिया। वीडियो में सांसदों को घसीटते हुए बाहर ले जाते दिखा, जहां वे ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ चिल्लाते रहे। स्पीकर अमीर ओहाना ने सत्र सस्पेंड किया, लेकिन ट्रंप ने जारी रखा। हदश-ताअल ने इसे ‘शांति का ढोंग’ बताया, जबकि लिकुड ने ‘ट्रेटर’ करार दिया। यह 2023 हमास अटैक के बाद पहला बड़ा विरोध, जहां 1,200 इजरायली मारे गए थे। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, लाखों व्यूज—फिलिस्तीनी समर्थकों ने सराहा, इजरायली पक्ष ने निंदा की।
ट्रंप का संदेश: ‘शांति की शुरुआत’, नेतन्याहू को धन्यवाद
ट्रंप ने हंगामे के बावजूद बोले, ‘कई वर्षों बाद इस पवित्र भूमि पर सूर्य उदय हो रहा। शांति स्थापित, बंदूकें शांत, सायरन धीमे। यह युद्ध का अंत नहीं, आतंक और मृत्यु का अंत—शांति की शुरुआत। मध्य पूर्व ऐतिहासिक सवेरा की ओर।’ उन्होंने PM बेंजामिन नेतन्याहू की तारीफ की, ‘बिबी ने साहस से यह संभव बनाया। उनसे निपटना आसान नहीं, लेकिन यही उन्हें महान बनाता।’ ट्रंप ने गाजा सीजफायर का श्रेय लिया, जहां हमास ने 20 जीवित बंधकों को रिहा किया, इजरायल ने 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों को। नेतन्याहू ने पहले संबोधित कर कहा, ‘सैनिकों के परिवारों का दुख समझता हूं। ये बहादुरों की वजह से इजरायल मजबूत बनेगा। दुश्मनों को पता चला—हमारी ताकत ही शांति की वजह। 7 अक्टूबर का हमला गलती थी, कभी कमजोर नहीं होंगे।’ स्पीकर ओहाना ने ट्रंप को नोबेल के लिए नामित करने का वादा किया।
विरोध की जड़ें: फिलिस्तीन मुद्दा, नेसेट की राजनीति
हंगामा गाजा में 68,000 मौतों (ज्यादातर महिलाएं-बच्चे) के बाद आया। हदश-ताअल, अरब सांसदों की पार्टी, फिलिस्तीन समर्थक। ओदेह ने कहा, ‘ट्रंप की शांति फिलिस्तीन को कुचलती है।’ नेसेट में 120 सदस्य, जहां लिकुड बहुमत। 2023 हमले के बाद विरोध बढ़े, लेकिन ट्रंप के दौरे ने तनाव उभारा। नेतन्याहू ने इसे ‘आंतरिक दुश्मन’ कहा। अंतरराष्ट्रीय मीडिया: BBC ने ‘ड्रामेटिक मोमेंट’ बताया, अल जजीरा ने ‘फिलिस्तीनी आवाज’। ट्रंप ने कहा, ‘ताकत ही शांति लाती।’ यह घटना मध्य पूर्व शांति पर सवाल खड़ी करती—क्या विरोध प्रक्रिया को रोकेगा? आने वाले दिन बताएंगे।
