हाई कोर्ट में बिना कनेक्टिंग रोड के पुल बनाने के मामले में तीन सदस्यीय कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट में बोकारो के चंदनक्यारी सहित अन्य ब्लॉक में खेत में पुल बनाने एवं उसका अप्रोच रोड नहीं होने एवं पुल निर्माण के जिम्मेदार लोगों से पैसे की वसूली करने का आग्रह करने वाली रवि कुमार वर्मा की जनहित याचिका की सुनवाई हुई।
मामले में पुल के स्थल जांच के लिए बनी तीन अधिवक्ताओं की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने शुक्रवार को कमेटी की रिपोर्ट पर प्रार्थी और राज्य सरकार को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी।
अधिवक्ताओं की कमेटी ने इस विषय पर जांच की है कि जो पुल बने हैं उसमें कनेक्टिंग रोड है या नहीं। सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने पैरवी की। उन्होंने बताया कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सात पुल में से केवल एक पुल में अप्रोचिंग रोड नहीं है।
पूर्व की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि बोकारो के चंदनक्यारी के कई ब्लॉक में ऐसे पुल बने हैं जिनका कोई कनेक्टिंग रोड नहीं है। पुल बनाने में जनता की 100 करोड़ से अधिक रुपये की बर्बादी की गई है। कनेक्टिंग रोड के लिए सरकार ने कोई जमीन का अधिग्रहण नहीं की है और पुल बना दिया गया है। मामले में राज्य सरकार की ओर शपथ पत्र दायर कर बताया गया है कि कुछ ही पुल में कनेक्टिंग रोड नहीं है।