• October 22, 2025

चार साल बाद भी इस गांव में नहीं आई बिजली, किसानों के मोबाइल में आ रहे हैं बिल

 चार साल बाद भी इस गांव में नहीं आई बिजली, किसानों के मोबाइल में आ रहे हैं बिल

सरकार दावा कर रही है कि हर गांव में बिजली पहुंच गई है। लेकिन सरकार के दावे को विभागीय अधिकारी व कर्मचारी पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। जिले के बबेरू तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत पल्हरी में 24 ऐसे अभागे किसान हैं। जिन्हें 2019-20 में बिजली के मीटर थमा दिए गए और कहा गया कि जल्दी ही गांव में विद्युतीकरण होगा। जिससे तुम्हारे घर रोशन होंगे। लेकिन 4 साल गुजर जाने के बाद भी अभी तक उनके घरों में बिजली नहीं पहुंची, लेकिन मोबाइल में बिल पहुंचने लगे और बिल जमा न करने पर विभाग इन्हें जेल भेजने की धमकी तक देने लगा है। कई बार विभाग में शिकायत के बाद भी अभी तक विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।

इसी गांव के किसान शिव शंकर ने बताया कि विद्युत विभाग के ठेकेदार 2019-20 में गांव पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि तुम्हारे गांव में बिजली आने वाली है। जिन्हें बिजली का कनेक्शन लेना हो अपना-अपना नाम बता दें। नाम बताने पर करीब 24 किसानों को बिजली के मीटर दे दिए गए। लेकिन धीरे-धीरे 2 साल गुजर गए न बिजली के तार खींचे गए और न पोल लगाए गए। इसके बाद भी हमारे मोबाइल में बिजली के बिल आने लगे। तब हम सब किसानों ने विभाग में जाकर शिकायत दर्ज कराई तो वहां के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्दी ही तुम्हारे यहां बिजली की लाइन खींची जाएगी और जो बिल आ रहा है उसे माफ कर नए सिरे से बिल शुरू होंगे। यह आश्वासन मिलने के बाद भी अब 4 साल हो गए लेकिन लाइन नहीं आई, बिल लगातार आ रहे हैं।

जिलाधिकारी से सोमवार को शिकायत पर करने पहुंचे इन किसानों ने बताया कि हमारे द्वारा लगातार शिकायत करने के कारण दो माह पहले विभाग ने वहां 30 पोल डलवा दिए हैं लेकिन 2 माह बाद भी न खंबे गाड़े गए और न लाइन खींची गई। उल्टा विभाग की ओर से उपभोक्ता किसानों से वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। हम बिना बिजली के बिल का भुगतान कैसे करें। किसानों ने इस सिलसिले में जिला अधिकारी को संबोधित शिकायती पत्र दिया है। उनका कहना है कि वह पहले भी इस तरह के कई शिकायती पत्र दे चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें किसी तरह का ठोस आश्वासन नहीं मिला है। इन्होंने कहा कि अगर जल्दी हमारे गांव में बिजली नहीं आई तो मजबूरन हम उपभोक्ता फोरम की शरण में जाएंगे। पीड़ित किसानों में मिथिला देवी,जगपाल वर्मा, वेलपतिया, शिव शंकर, मन्नू देवी, पियरिया देवी, मोहनिया जमुना देवी, सुमेरा, कुसमा देवी, उत्तम कुमार, सुनील कुमार, महेश्वरी, कामतु वर्मा आदि शामिल है।

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Rama Niwash Pandey

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