‘नेतृत्व परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं…’, मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद बोले कर्नाटक के CM सिद्धारमैया
एक तरफ कांग्रेस और उनके नेता राहुल गांधी बिहार की सत्ता हासिल करने के लिए जोर लगा रहे हैं, लेकिन दूसरे तरफ कर्नाटक में विवाद और बगावत के स्वर दिखाई दे रहे हैं. कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, लेकिन वहां कुर्सी को लेकर आपस में खींचतान चल रही है.
कर्नाटक में कांग्रेस संगठन को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हुए थे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा. हालांकि, राहुल की ओर से दोनों को अब तक मिलने का समय नहीं दिया गया. कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष के परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं. विधायक इक़बाल हुसैन, सीपी योगेश्वर, उदय गौड़ा और तनवीर सैत ने स्पष्ट तौर पर प्रदेश इकाई के नेतृत्व का बदलाव करने के पक्ष में खड़े हुए हैं. जबकि सतीश जारकीहोली, महादेवप्पा और जमीर अहमद प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव का विरोध में खड़े हुए हैं. दिल्ली में शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की. इस मुलाक़ात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि खरगे से मुलाकात के दौरान नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई है. मैंने कई बार कहा है, यह मामला हाईकमान के सामने है ही नहीं.
सिद्धारमैया गुट के नेताओं ने बीते दिन (गुरुवार) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की और केपीसीसी अध्यक्ष पद के लिए सतीश जारकीहोली का नाम आगे रखा. सतीश वर्तमान में सिद्धारमैया की सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं और एसटी कम्यूनिटी से आते हैं. सिद्धारमैया गुट ने कांग्रेस अध्यक्ष से आग्रह किया है कि अगस्त या तो सितंबर तक प्रदेश के अध्यक्ष में बदलाव करें. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन के अटकलों पर विराम लगाते हुए गुरुवार को कहा था कि वही 5 साल तक कर्नाटक के सीएम रहेंगे और अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.
