भाईयों के लिए बहनों ने खरीदी सोने व चांदी की राखी
लखनऊ के चौक क्षेत्र में सर्राफा बाजार की गलियों में आजकल रक्षाबंधन की खरीदारी करने वाली बहनों की भीड़ हैं। बहनें अपने भाईयों के लिए सोने व चांदी की राखी खरीद रही हैं। यही कारण है कि रक्षाबंधन के पहले सर्राफा बाजार में हलचल तेज है। बाजार में लाखों रुपये मूल्य की राखियों की बिक्री हो चुकी हैं।
चौक के सर्राफा बाजार में स्वर्ण आभूषण विक्रेता विनोद ने बताया कि रक्षाबंधन पर प्रत्येक वर्ष की तरह ही राखी की बिक्री हुई है। इस वर्ष चांदी की राखियों की बिक्री ज्यादा हुई है। बाजार में पांच सौ रुपये की धागे वाली राखी से लेकर पांच हजार मूल्य की चांदी की राखी बनायी गयी और जिसे बहनों ने अपने भाईयों के लिए खरीदा।
उन्होंने बताया कि आर्डर मिलने पर ही सोने की राखी बनायी जाती है। इस बार सोने के राखी बनाने का आर्डर कम मिला। पिछली बार से सोने की राखी कम बिकी। फिलहाल सोने का रेट का असर रक्षाबंधन पर असर है। वहीं चांदी की राखी की बिक्री से पिछले बार जैसा ही मुनाफा हो गया है।
सआदतगंज में स्वर्ण आभूषण का व्यापार करने वाले धीरेन्द्र ने कहा कि धागे की राखी से लेकर चांदी की राखी तक बहनों के लिए रक्षाबंधन का पर्व उत्साह से भरपूर पर्व है। इसमें भाई भी अपनी भूमिका निभाते हैं। बहनों की ओर से स्वर्ण या चांदी की राखी बांधने का लखनऊ मे पुराना चलन चला आ रहा है। जिसे बहनें बखूबी निभाती आयी हैं।
शहर के इंदिरा नगर, गोमती नगर, राजाजीपुरम, हजरतगंज क्षेत्र में भी सर्राफा का व्यापार करने वाले व्यापारियों को चांदी की राखी के आर्डर मिले। इसमें ज्यादातर आर्डर देने वाले लोग दुकान से जुड़े पुराने ग्राहक ही हैं। रक्षाबंधन को देखते हुए आभूषण केन्द्रों पर राखी की विविधता भी रखी गयी।
– रक्षाबंधन पर भ्रदाकाल की छाया
30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से रात्रि नौ बजे तक भद्राकाल रहेगा। सुबह के वक्त भद्राकाल लगने के साथ ही रक्षाबंधन की तिथि भी आरम्भ हो रही है। भद्राकाल में कोई शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। इसके लिए पंचांग विशेषज्ञ और पुरोहित 30 अगस्त को राखी बांधने से मना कर रहे हैं। 31 अगस्त की सुबह सात बजकर 30 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहनी है और इसी दिन रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने का शुभ समय बताया जा रहा है।



