ऊर्जा ध्यान जीवन में समरसता व जीवंतता लाने का एकमात्र स्रोत: आचार्य रविंद्र

ओशो सिद्धार्थ फाउंडेशन के तत्वाधान में ओशोधारा मैत्री संघ की ओर से कौशिक नगर स्थित साधना केंद्र में संडे ध्यान का कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें आचार्य रविंद्र ने ऊर्जा ध्यान का सैशन लिया और जानकारी दी।
आचार्य रविन्द्र ने रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम में बताया कि ध्यान चेतन मन की एक प्रक्रिया है, जिसमें व्यक्ति अपनी चेतना को बाहरी जगत के किसी चयनित किए हुए विषय पर केंद्रित करता है। ध्यान में व्यक्ति की इंद्रियां उसके मन के साथ, उसका मन उसकी बुद्धि के साथ और उसकी बुद्धि आत्मा में लीन होने लगती है। ध्यान से जीवन में दिव्यता आती है और जब व्यक्ति इस दिव्यता का भी अनुभव कर लेता है तो सारी सृष्टि उसे सुंदर प्रतीत होने लगती है। ध्यान से व्यक्ति जीवन की समस्त बुराइयों से ऊपर उठ जाता है और इस संसार को सुंदर बनाने के कार्य में समर्पित हो जाता है। ध्यान का मानव जीवन में अत्यंत महत्व है। ध्यान व्यक्ति को ऐसे काम की ओर ले जाने से रोकता है, जिससे उसे नीचा देखना पड़े, इसलिए जब भी और जहां भी मौका मिले, मनुष्य को ध्यान जरूर करना चाहिए।
आचार्य रविंद्र ने ऊर्जा ध्यान अलग-अलग चरणों के माध्यम से बहुत सरल तरीके से करवाया। इस सत्र में 100 से अधिक व्यक्तियों ने हिस्सा लिया और सभी मित्र आनंद से झूम उठे। इस अवसर पर हरियाणा संघ के संयोजक आचार्य सुभाष ने ओशोधारा के कार्यक्रमों और उद्देश्यों पर चर्चा की। ध्यान के बाद टीम सद्गुरु हिसार के आचार्य जयबीर की अध्य्क्षता में बैठक हुई जिसमें टीम सद्गुरु के सभी पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे। बैठक में 8 से 13 अक्टूबर को होने वाले ध्यान व सुरति योग में हिसार व आसपास से सैंकड़ों मित्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने का संकल्प लिया गया।
