एआई प्लेटफॉर्म्स पर लोग चित्र बनाने का नया ट्रेंड: जेमिनी और ग्रोक जैसी तकनीकें क्रांति ला रही हैं
नई दिल्ली, 17 सितंबर 2025: आज की तेज़ रफ्तार वाली दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) ने हमारी जिंदगी को आसान बना दिया है। अब लोग अपनी कल्पना को हकीकत में बदल सकते हैं, वो भी सिर्फ़ कुछ शब्दों से। एआई प्लेटफॉर्म्स जैसे गूगल का जेमिनी और एक्सएआई का ग्रोक लोगों को चित्र बनाने का मौका दे रहे हैं। ये प्लेटफॉर्म्स टेक्स्ट डिस्क्रिप्शन से ही खूबसूरत तस्वीरें तैयार कर देते हैं। लाखों लोग इनका इस्तेमाल कर रहे हैं, चाहे वो कलाकार हों, छात्र हों या आम आदमी। इस ट्रेंड ने क्रिएटिविटी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।एआई इमेज जेनरेशन क्या है? सरल शब्दों में कहें तो ये एक ऐसी तकनीक है जो कंप्यूटर को सिखाती है कि शब्दों से चित्र कैसे बनाएं। उदाहरण के लिए, अगर आप कहें ‘एक जंगल में उड़ता हुआ रंग-बिरंगा तोता’, तो एआई कुछ ही सेकंड में वो तस्वीर बना देगा। जेमिनी और ग्रोक जैसे प्लेटफॉर्म्स इस काम को बहुत आसान बना देते हैं। जेमिनी, जो गूगल का हिस्सा है, यूजर्स को फ्री में इस्तेमाल करने का मौका देता है। वहीं ग्रोक, जो एक्स (पहले ट्विटर) से जुड़ा है, अपनी अनोखी शैली के लिए जाना जाता है। ये प्लेटफॉर्म्स न सिर्फ़ चित्र बनाते हैं, बल्कि उन्हें एडिट भी कर सकते हैं।लोग इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? इसका जवाब है आसानी और मज़ा। कलाकारों के लिए ये एक नया टूल है। वे अपनी स्केच को डिजिटल रूप दे सकते हैं। छात्र अपनी प्रोजेक्ट्स के लिए ग्राफिक्स बना रहे हैं।
सोशल मीडिया पर लोग फनी मीम्स या आर्टवर्क शेयर कर रहे हैं। एक सर्वे के मुताबिक, पिछले साल से एआई इमेज टूल्स के यूजर्स में 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। खासकर युवा पीढ़ी इनका शौक़ीन है। भारत में भी ये ट्रेंड तेज़ी से फैल रहा है। मुंबई और दिल्ली के आर्टिस्ट्स ग्रुप्स में लोग जेमिनी से बने चित्र शेयर कर रहे हैं।जेमिनी के बारे में थोड़ा विस्तार से जानें। गूगल ने 2023 में जेमिनी लॉन्च किया था। ये एक मल्टीमॉडल एआई है, जो टेक्स्ट, इमेज और कोड सब हैंडल करता है। इमेज जेनरेशन के लिए ये इमागेन टूल इस्तेमाल करता है। यूजर को बस एक प्रॉम्प्ट देना होता है, जैसे ‘भारतीय त्योहार दिवाली का दृश्य’। जेमिनी हाई-क्वालिटी इमेज बनाता है, जो रियल लगती हैं। लेकिन इसमें कुछ लिमिट्स हैं। फ्री वर्जन में रोज़ाना कुछ इमेज ही बना सकते हैं। पेड वर्जन में ज्यादा फीचर्स मिलते हैं। जेमिनी की खासियत है कि ये सेफ्टी चेक करता है। वो इमेज नहीं बनाता जो हिंसक या गलत हों।अब बात ग्रोक की। एक्सएआई ने ग्रोक को बनाया है, जो एलन मस्क की कंपनी है। ग्रोक थोड़ा अलग है। ये ह्यूमरस और क्रिएटिव तरीके से जवाब देता है। इमेज जेनरेशन के लिए ग्रोक फ्लक्स मॉडल इस्तेमाल करता है, जो ओपन-सोर्स है। ग्रोक पर लोग मजेदार प्रॉम्प्ट्स देते हैं, जैसे ‘एक एलियन भारतीय खाने खा रहा है’। ग्रोक की इमेजेस बहुत यूनिक होती हैं, क्योंकि ये रूल्स कम फॉलो करता है। लेकिन ग्रोक सब्सक्रिप्शन पर आधारित है। फ्री में लिमिटेड एक्सेस है, जबकि सुपरग्रोक या प्रीमियम में अनलिमिटेड। भारत में ग्रोक के यूजर्स तेज़ी से बढ़ रहे हैं, खासकर एक्स ऐप पर।दोनों प्लेटफॉर्म्स की तुलना करें तो जेमिनी ज्यादा यूजर-फ्रेंडली है शुरुआती लोगों के लिए। ये साफ़ और प्रोफेशनल इमेज बनाता है।
ग्रोक ज्यादा फ्री-थिंकिंग है, जो क्रिएटिव लोगों को पसंद आता है। लेकिन दोनों में कॉमन समस्या है कॉपीराइट। कभी-कभी एआई पुरानी आर्ट से मिलती-जुलती इमेज बना देता है, जिससे आर्टिस्ट्स नाराज़ हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका में कुछ केसेज चले जहां आर्टिस्ट्स ने एआई कंपनियों पर मुकदमा किया। भारत में भी ये बहस चल रही है। सरकार एआई रेगुलेशन पर काम कर रही है ताकि क्रिएटर्स के राइट्स बचें।लोगों के अनुभव क्या कहते हैं? दिल्ली के एक ग्राफिक डिजाइनर, राहुल शर्मा कहते हैं, “जेमिनी ने मेरी जॉब आसान कर दी। पहले हफ्तों लगते थे एक डिजाइन में, अब मिनटों में।” मुंबई की स्टूडेंट प्रिया कहती हैं, “ग्रोक पर मैंने अपने होमवर्क के लिए कार्टून बनाए। बहुत मज़ा आया।” लेकिन कुछ लोग चिंतित हैं। वे कहते हैं कि एआई से जॉब्स कम हो सकती हैं। आर्ट फील्ड में ये डर है कि मशीनें इंसानों की जगह ले लेंगी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि एआई टूल है, रिप्लेसमेंट नहीं। ये क्रिएटिविटी को बढ़ावा देगा।इस ट्रेंड के फायदे बहुत हैं। शिक्षा में टीचर्स एआई से इमेज बनाकर क्लास को इंटरेस्टिंग बना सकते हैं। बिजनेस में मार्केटिंग के लिए कस्टम ग्राफिक्स। पर्यावरण जागरूकता के लिए पोस्टर्स। लेकिन चुनौतियां भी हैं। डीपफेक इमेजेस से फेक न्यूज फैल सकती है। इसलिए एआई कंपनियां वॉटरमार्क लगाने लगी हैं ताकि पता चले कि इमेज एआई से बनी है।भविष्य में ये तकनीक और बेहतर होगी। जेमिनी और ग्रोक जैसे प्लेटफॉर्म्स वीडियो जेनरेशन पर काम कर रहे हैं। जल्द ही लोग 3डी मॉडल्स भी बना सकेंगे। भारत जैसे देश में, जहां डिजिटल इंडिया चल रहा है, ये प्लेटफॉर्म्स लाखों लोगों को सशक्त बनाएंगे। लेकिन हमें सावधान रहना होगा। एथिकल यूज ही असली कुंजी है।कुल मिलाकर, एआई इमेज क्रिएशन एक क्रांति है। जेमिनी और ग्रोक जैसे प्लेटफॉर्म्स ने आम आदमी को आर्टिस्ट बना दिया है। अगर आप भी ट्राई करना चाहें, तो आज ही शुरू करें। बस एक प्रॉम्प्ट दें और देखें जादू। ये न सिर्फ़ मनोरंजन है, बल्कि नई संभावनाओं का द्वार भी।
