आदिवासी समाज के नेतृत्व में नई पार्टी हमर राज बनाएंगे : अरविंद नेताम

वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम तीन दिन पहले इस्तीफा देने के बाद आज शनिवार को कांकेर पंहुचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि, कांग्रेस सरकार की आदिवासी विरोधी नीति से परेशान होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया है, और अब आदिवासी समाज स्वयं राजनैतिक मैदान में अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए उतरेगा। उन्होंने नई पार्टी बनाने का ऐलान करते हुए बताया कि आदिवासी समाज के नेतृत्व में नई पार्टी हमर राज बनाएंगे। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग को पार्टी का नाम हमर राज नाम की स्वीकृति के लिए भेजा गया है, जिसकी सहमति का इंतजार है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने बताया कि प्रदेश में आदिवासी वर्ग के लिए 29 सीट आरक्षित हैं। इन सभी पर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी, साथ ही करीब 20 सीट ऐसे हैं, जहां आदिवासी वोटर्स 20 से 80 हजार तक हैं। ऐसे में अगर कोई दूसरा समाज हमारे आदिवासी समाज के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जताता हैं, तो हम उनका समर्थन करेंगे और पार्टी से उन्हें टिकट भी दिया जाएगा।
अरविंद नेताम ने एक बार पुन: दावा करते हुए कहा कि हमारी पार्टी इस वर्ष छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव में 50 सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है, साथ ही अरविंद नेताम ने बताया कि बसपा और सीपीआई से गठबंधन की बातचीत जारी है। दोनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना लगभग तय है। अरविंद नेताम ने स्पष्ट किया कि वह स्वयं चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे। उन्होने कहा कि मौजूदा कांग्रेस की सरकार ने 1996 में बनाए गए पेसा कानून की धज्जियां उड़ाई है। पेसा कानून में ग्राम सभा के अधिकार को इस सरकार ने खत्म कर दिया। अब आदिवासी समाज अपने अधिकार के लिए राजनीतिक मैदान में उतरने को मजबूर है।
उल्लेखनिय है कि अरविंद नेता ने 9 अगस्त को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा एआईसीसी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेज दिया है। बता दें कि अरविंद नेताम सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक हैं। वे इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। भेजे गये इस्तीफे में उन्होंने लिखा था कि मैं कांग्रेस पार्टी का क्रियाशील सदस्य हूं। 5 वर्ष पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के आह्वान पर कांग्रेस में वापस आकर अपने अनुभव से पार्टी को मजबूती प्रदान करने का हमेशा प्रयास किया, नेताम ने अपने इस्तीफे में यह भी लिखा था कि प्रदेश सरकार राज्य में आदिवासी समाज के लिए बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा प्रदान संवैधानिक अधिकारों के विपरीत काम कर रही है। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस सरकार ने पेसा कानून 1996 में आदिवासी समाज को जल, जंगल, जमीन पर ग्राम सभा के अधिकारों को समाप्त कर दिया है। इसलिए मैं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। केन्द्रीय नेतृत्व से मुझे हमेशा मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहा है, उसके लिए पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं।
