फतेहपुर में मंदिर-मकबरा विवाद: प्रशासन ने हटाया भगवा झंडा, रातोंरात ठीक की गई मजार की तोड़फोड़
लखनऊ /12 अगस्त : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के आबूनगर मोहल्ले में नवाब अब्दुल समद के मकबरे को लेकर मंदिर-मकबरा विवाद ने तूल पकड़ लिया। सोमवार सुबह हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मकबरे को ठाकुरद्वारा मंदिर बताते हुए वहां पूजा करने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। भीड़ ने सुरक्षा बैरिकेडिंग तोड़कर मकबरे में प्रवेश किया, मकबरों पर तोड़फोड़ की और भगवा झंडा फहरा दिया। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए भगवा झंडा हटाया और रात भर में क्षतिग्रस्त मजारों व दरवाजों की मरम्मत करवाई।
विवाद की शुरुआत और घटनाक्रम
हिंदू महासभा के प्रांत उपाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी, भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल सहित लगभग 300 कार्यकर्ता सोमवार सुबह आबूनगर स्थित मकबरे पर पहुंचे। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल पहले ठाकुर विराजमान का मंदिर था, जिसे बाद में मकबरे के रूप में दर्ज कर लिया गया। संगठनों ने जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में साफ-सफाई और पूजा की अनुमति के लिए प्रशासन को ज्ञापन दिया था। हालांकि, प्रशासन ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रवेश रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ ने बैरिकेड तोड़कर मकबरे में प्रवेश किया, धार्मिक नारे लगाए और तोड़फोड़ कर भगवा झंडा फहराया। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने पथराव किया, जिससे तनाव और बढ़ गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी बल तैनात किया और ड्रोन व सीसीटीवी से निगरानी शुरू की।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना के बाद प्रशासन ने रातोंरात मजारों और दरवाजों की मरम्मत करवाई। मकबरे के चारों ओर त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया, जिसमें पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए। बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, कौशांबी और प्रतापगढ़ से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। डीजीपी के आदेश पर एडीजी जोन प्रयागराज संजीव गुप्ता और आईजी रेंज प्रयागराज अजय मिश्रा मौके पर पहुंचे।
कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक बयानबाजी
थाना कोतवाली नगर में सब इंस्पेक्टर विनीत कुमार उपाध्याय की तहरीर पर 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। नामजद आरोपियों में भाजपा जिला महामंत्री पुष्पराज पटेल, भाजपा युवा मोर्चा जिला महामंत्री प्रसून तिवारी, बजरंग दल जिला सह संयोजक धर्मेंद्र सिंह सहित अन्य शामिल हैं। एसपी फतेहपुर अनूप सिंह ने कहा कि जांच जारी है और कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है। विधानसभा में इस मुद्दे को सपा विधायक मोहम्मद हसन ‘रूमी’ ने उठाया, जिन्होंने मकबरे को राष्ट्रीय संपत्ति (गाटा संख्या 753) बताते हुए हिंदू संगठनों पर तनाव फैलाने का आरोप लगाया। वहीं, भाजपा जिला अध्यक्ष मुखलाल पाल ने इसे सनातन धर्मियों का जनाक्रोश बताया और दावा किया कि यह स्थल पहले मंदिर था।
दोनों पक्षों के दावे
हिंदू संगठनों का कहना है कि मकबरे में त्रिशूल और कमल के प्रतीक मौजूद हैं, जो इसे मंदिर साबित करते हैं। उनका दावा है कि यह ठाकुर जी और शिव मंदिर था, जिसे बाद में मकबरे में बदल दिया गया। वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह 500 साल पुराना मकबरा है, जिसे बादशाह अकबर के पोते ने बनवाया था। सरकारी रिकॉर्ड में इसे ‘मकबरा मांगी’ के रूप में दर्ज किया गया है, और मोहम्मद अनीस इसके मुतवल्ली हैं।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। एसपी ने स्पष्ट किया कि मकबरे पर लगाए गए भगवा झंडे हटा दिए गए हैं और स्थिति नियंत्रण में है। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है
