तेज प्रताप यादव का महुआ से नामांकन: RJD से निकाले जाने के बाद भी सीट पर वापसी, क्यों है ये ‘प्यारी’?
पटना, 17 अक्टूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख पर तेज प्रताप यादव ने महुआ सीट से अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) के टिकट पर नामांकन दाखिल कर दिया। लालू प्रसाद यादव द्वारा मई 2025 में छह साल के लिए RJD और परिवार से निष्कासित होने के बाद भी तेज प्रताप ने अपनी पहली जीत वाली सीट महुआ को ही चुना। यह फैसला न केवल उनकी सियासी जड़ों को दर्शाता है, बल्कि महुआ को ‘कर्मभूमि’ बताते हुए विकास के वादों से जोड़ता है। 2015 की यादें ताजा करते हुए तेज प्रताप ने कहा, “महुआ मेरा पहला घर है, यहां से ही नई शुरुआत होगी।” लेकिन क्या यह वापसी RJD को चुनौती देगी? या परिवारिक विवाद सियासत को और गहरा करेगा? आइए, इस फैसले के पीछे की वजहों और तेज प्रताप की राजनीतिक यात्रा को समझते हैं।
महुआ: तेज प्रताप की पहली जीत वाली सीट, क्यों चुना फिर से?
तेज प्रताप यादव ने 2015 में महुआ (वैशाली जिला) से पहली बार चुनाव लड़ा और RJD के टिकट पर 43% वोटों से NDA उम्मीदवार को करारी शिकस्त दी। यह सीट उनके लिए ‘पहली सफलता’ का प्रतीक बनी, जहां उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के वादों से जनता को जोड़ा। 2020 में वे हसनपुर (समस्तीपुर) से जीते, लेकिन RJD से निष्कासित होने के बाद उन्होंने महुआ को ही चुना। तेज प्रताप ने कहा, “महुआ मेरी कर्मभूमि है, यहां मेडिकल कॉलेज स्थापित किया है, अब इसे पूर्ण जिला बनाने का सपना पूरा करूंगा।” वैशाली में यादव-मुस्लिम वोटबैंक मजबूत है, जहां RJD ने हमेशा दबदबा रखा। लेकिन तेज प्रताप की JJD ने 21 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, और महुआ से उनकी उम्मीदवारी RJD के उम्मीदवार प्रदीप सिंह को चुनौती देगी। सवाल ये है कि क्या वे पुरानी लोकप्रियता से जीत पा सकेंगे?
RJD से निष्कासन और JJD का जन्म
मई 2025 में तेज प्रताप को ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ के आरोप में लालू ने RJD से छह साल के लिए निकाल दिया, जो एक सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा था। परिवारिक कलह ने तेज प्रताप को नई पार्टी JJD बनाने पर मजबूर किया, जिसका चुनाव चिन्ह ‘ब्लैकबोर्ड’ है और जो शिक्षा व सामाजिक सुधार पर फोकस करती है। अगस्त 2025 में JJD बनी और सितंबर में रजिस्टर्ड हुई। तेज प्रताप ने VVIP, BJM समेत पांच क्षेत्रीय दलों से गठबंधन किया। महुआ से नामांकन दाखिल करते हुए उन्होंने कहा, “माता-पिता का आशीर्वाद है, वृंदावन के गुरु साथ हैं।” उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं, जो परिवारिक दरार को थोड़ा कम करती नजर आ रही हैं। लेकिन RJD ने इसे ‘विद्रोह’ बताया, और तेज प्रताप ने तेजस्वी को ‘जयचंदों’ से दूर रहने की चेतावनी दी।
संपत्ति और आपराधिक मामले: हलफनामे से खुलासा, 2.88 करोड़ की दौलत
नामांकन के साथ दाखिल हलफनामे में तेज प्रताप ने 2.88 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया – 91.65 लाख की चल संपत्ति (2020 में 1.22 करोड़ से कम) और 1.96 करोड़ की अचल संपत्ति (पहले 1.6 करोड़)। कोई नया आपराधिक मामला नहीं, लेकिन आठ पुराने केस दर्ज हैं – IPC धाराएं 324, 302, 120B, 341 (हत्या, साजिश, दहेज उत्पीड़न), SC/ST एक्ट और आर्म्स एक्ट। तेज प्रताप ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा घोषित की। RJD के तेजस्वी की 8.1 करोड़ की संपत्ति के मुकाबले यह मामूली लगती है, लेकिन तेज प्रताप इसे ‘सादगी’ बताते हैं। महुआ में वोटरों का फोकस विकास पर है, और तेज प्रताप ने मेडिकल कॉलेज, जिला बनाने जैसे वादों से अपील की। बिहार चुनाव 6-11 नवंबर को हैं – क्या तेज प्रताप महुआ से वापसी करेंगे, या RJD का गढ़ बरकरार रहेगा?
