• December 27, 2025

मुंह की चमड़ी से पेशाब नली बनाकर किया जन्मजात जननांग विकृति का सफल ऑपरेशन

 मुंह की चमड़ी से पेशाब नली बनाकर किया जन्मजात जननांग विकृति का सफल ऑपरेशन

मथुरादास माथुर हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग के चिकित्सकों ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया हैं। पंद्रह वर्षीय किशोर, निवासी जोधपुर जन्मजात जननांग की विकृति हाइपोस्पीडियास से ग्रसित था। इस बिमारी में पुरुष के लिंग में पेशाब के छेद की स्थिति जन्मजात सामान्य ना रहकर नीचे की तरफ होती हैं , जिससे पेशाब में आंशिक या पूर्ण रुकावट के साथ-साथ कई समस्याएं जैसे जननांग में टेडापन, जनन क्षमता में कमी व दीर्घकालिक गुर्दे सम्बधित बीमारियां व गुर्दे खराब होने का डर रहता हैं ।

मरीज मथुरा दास माथुर अस्पताल में आने से पूर्व अन्यत्र चिकित्सालयों में दो बार इसका ऑपरेशन करवा चुका था, जो कि असफल रहे, जिससे मरीज की स्थिति में सुधार होने के बजाय और गंभीर हो गई। और पेशाब नली में पेन यूरेथरल स्टिक्चर (सम्पूर्ण पेशाबनली में रुकावट) हो गई। जिससे पेशाब आना पूर्णरूप से बन्द हो गया तथा रुकावट की वजह से मरीज को पेशाबनली का इंफेक्शन हो गया।

जब मरीज को एमडीएम हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक यूरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आर. के. सारण को दिखाया गया तो पहले उन्होंने सीधे पेशाब की थैली में नली डालकर पेशाब के रास्ते को बायपास किया। तथा एंटीबायोटिक व दवाईयों के माध्यम से इंफेक्शन ठीक किया तथा आर जी यू व एम सी यू जांच के माध्यम से पेशाब नली की रूकावट व क्षतिग्रस्त भाग की लंबाई का पता लगाया। मरीज के पूर्व में दो असफल ऑपरेशन होने की वजह से पेशाबनली का काफी हिस्सा खराब हो गया था, जिसको मुंह की चमडी का कुछ हिस्सा लेकर, नया बनाने का प्लान किया गया। पूर्व में हुए असफल ऑपरेशन के कारण इस सर्जरी में बहुत दिक्कते थी, जिसके बारे में मरीज और परिजनों को बताकर ऑपरेशन का प्लान किया गया चिकित्सकों की टीम ने चार घंटो की कड़ी मेहनत के बाद इस जटिल आपरेशन को सफल बनाया। चिकित्सकों की टीम में पीडियाट्रिक यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. आर. के. सारण, डॉ. लोकेश, डॉ.सवजोत सिंह , डॉ. शाहरुख लोहार , डॉ. विशनाराम, डॉ. कमल तथा निश्चेतना विभाग के डॉ.गीता , डॉ. देवेंद्र तथा नर्सिंग स्टाफ में सलीम , देवकरण तथा वरुण मौजूद रहे।

आपरेशन के दौरान मरीज के क्षतिग्रस्त पेशाबनली के हिस्से को हटाया गया तथा मुंह के अंदर की चमड़ी का कुछ हिस्सा लेकर, उससे पेशाबनली बनाई गई और खराब हटाए गये पेशाब नली वाले हिस्से में प्रत्यारोपित किया गया। जिसके बाद कुछ दिनों तक मरीज को पेशाब की नली लगाकर रखा गया। जिसको हटाने के बाद मरीज सामान्य धार के साथ पेशाब कर पा रहा है। इस बिमारी के समाधान में बहुत कठिनाइयां थी, लेकिन डॉ. आर. के. सारण व उनकी टीम की नवाचारी सोच के कारण इसका इलाज सफल हो सका।

पीडियाट्रिक यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.आर.के. सारण ने बताया कि इस बीमारी का सफल ऑपरेशन चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। जो हमारी टीम की संघर्षशीलता व मेहनत को दर्शाता है। जिससे मरीज को न केवल बिमारी से निजात मिलेगी अपितु उसके जीवन की गुणवता में भी सुधार करेगा। जिससे इस प्रकार की बिमारी से ग्रसित मरीजों को इलाज की उम्मीदों को नई किरण मिली है।

एमडीएम हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ.नवीन किशोरिया ने बताया की मरीज का हॉस्पिटल में निशुल्क इलाज किया गया। डॉ. संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल व कंट्रोलर डॉ. रंजना देसाई ने बताया की राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के तहत जटिल से जटिल ऑपरेशन निशुल्क किये जा रहे हैं, सरकार की ऐसी योजनाओं के कारण रोज सैकडो मरीज लाभान्वित हो रहे हैं।

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