फरीदाबाद में कैबिनेट मंत्री के कार्यालय के बाहर आशा वर्करों का प्रदर्शन
हड़ताली आशा वर्करों ने शनिवार को कैबिनेट मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा के सेक्टर-8 कार्यलय पर आक्रोश प्रदर्शन किया और मांगों का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बातचीत के द्वारा आशा वर्कर की मांगों का समाधान कर आठ अगस्त से चल रही हड़ताल को समाप्त करवाने की मांग की। प्रदर्शन की अधयक्षता आशा वर्कर यूनियन की जिला उप प्रधान अनीता भारद्वाज ने की ओर संचालन सह सचिव शाहीन परवीन ने किया।
कैबिनेट मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने आशा वर्करों को संबोधित करते हुए आश्वासन दिया कि आगामी कैबिनेट की मीटिंग में मुख्यमंत्री के सामने आशा वर्करों की मांगों को उठाया जाएगा और उचित कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। आशा वर्कर यूनियन हरियाणा के बेनर तले हड़ताली आशा वर्कर वाईएमसीए युनिवर्सिटी चौंक पर एकत्रित हुई और वहां से उमस भरी गर्मी की परवाह न करते हुए सरकार व स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ और आशा वर्कर की मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए जुलूस की शक्ल में मंत्री के आफिस पर पहुंची तथा वहां जोरदार प्रदर्शन किया।
जुलूस में आशा वर्कर का गुस्सा देखते ही बन रहा था।प्रदर्शन में अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा, सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर, महासचिव वीरेंद्र डंगवाल और रवि गुलिया के अलावा आशा वर्कर यूनियन की पदाधिकारी सुशीला चौधरी, रेखा शर्मा, पूजा गुप्ता ,चंद्रप्रभा ,माया, संगीता, नीलम जोशी, निगम पाठक, कुसुम लता व सीमा आदि मौजूद रहे। आशा वर्कर यूनियन की जिला प्रधान हेमलता ने कहा कि सरकार व विभाग की वादाखिलाफी और मांगों की अनदेखी के खिलाफ राज्य की बीस हजार आशा वर्कर आठ अगस्त से हड़ताल पर हैं।
उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक मांगों का समाधान नहीं होगा राज्य में हड़ताल जारी रहेगी। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि 17 साल सेवा देने के बावजूद आज आशा न तो कर्मचारी हैं और ना ही मजदूर हैं। इसलिए उन्हें न सरकारी कर्मचारी के वेतन और न ही मजदूर का वेतन मिल रहा है। आशा वर्कर को केवल मात्र चार हजार रुपए प्रति माह मानदेय दिया जा रहा है। आसमान छूती मंहगाई में यह राशि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सीटू के जिला प्रधान निरंतर पाराशर व महासचिव वीरेंद्र डंगवाल ने हड़ताल व मांगों का पुरजोर समर्थन किया और सरकार से बातचीत द्वारा मांगों को स्वीकार कर हड़ताल समाप्त करवाने की मांग की।




