• December 30, 2025

बच्चों को नैतिक शिक्षा देने का सशक्त माध्यम कहानी

 बच्चों को नैतिक शिक्षा देने का सशक्त माध्यम कहानी

पाठ्य सहगामी आयोजन तथा खेल-खेल में शिक्षा के तहत लोक संस्कृति शोध संस्थान की मासिक श्रृंखला दादी-नानी की कहानी में स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने लोक कथा पण्डित जी की किस्मत सुनाई। शनिवार को चिनहट के जुग्गौर स्थित राजकीय हाई स्कूल में कथा के माध्यम से दूसरों का भला करने, ईमानदारी और नैतिकता जैसे प्रेरणात्मक सन्देश बच्चों को दिये गये।

विद्यालय की प्रधानाचार्य मधु यादव ने कहा कि दादी-नानी की कहानी वास्तव में बच्चों को नैतिक शिक्षा देने और उनकी कल्पनाशक्ति बढ़ाने का सशक्त माध्यम है।

स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने कहानी की शुरुआत बड़े ही रोचक तरीके से एक मन्दिर के बाहर भिक्षाटन करने वाले पण्डित जी से की जिन्हें उस राज्य के राजकुमार द्वारा पहले हीरों की पोटली और फिर मणि उपहार में दी गई।

नाटकीय घटनाक्रम में पहले हीरों की पोटली चोर द्वारा चुरा लेने तथा पण्डिताइन द्वारा भूलवश मटके में रखी मणि को नदी में खो देने के बाद पण्डित जी की स्थिति जस की तस रही। कालान्तर में राजा द्वारा बहुत थोड़ी मुद्रा दान में देने और उस पैसे से परोपकार करने के कारण उन्हें खोया धन प्राप्त हो गया। कथा के माध्यम से सन्देश दिया गया कि जब भी हम किसी दूसरे को भला सोचते हैं तो नियति सहायक बन जाती है।

लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों को टेढ़े-मेढ़े वाक्य देकर उनके उच्चारण अभ्यास से की गई। बच्चों ने कहानी पर आधारित बोधात्मक प्रश्नों के उत्तर दिये और पुरस्कार भी प्राप्त किया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य मधु यादव, अध्यापकगण मिली जैन, श्रद्धा पाण्डेय, नम्रता श्रीवास्तव, शिक्षणेत्तरकर्मी प्रकाश चन्द्र करगेती आदि की प्रमुख उपस्थिति रही।

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