सिक्किम के आपदाग्रस्त क्षेत्रों से लोगों को निकालने और सड़क संपर्क बहाल करने को तरजीह दें: कैबिनेट सचिव

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सोमवार को बैठक की और सिक्किम में स्थिति की समीक्षा की। सिक्किम के मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। केंद्रीय एजेंसियों और सिक्किम सरकार के राहत और बचाव उपायों की समीक्षा करते हुए राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि कम से कम समय में लोगों को निकालना सिक्किम सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। जहां पुल बह गए हैं, वहां के लोगों के लिए सड़क संपर्क बहाल करने के लिए बेली ब्रिज को प्राथमिकता के आधार पर शुरू किया जाना चाहिए।
इस मौके पर कैबिनेट सचिव ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर स्थिति पर चौबीसों घंटे नजर रखी जा रही है। उन्होंने समिति को बताया कि स्थिति का जायजा लेने के लिए अंतर मंत्रालयी समन्वय दल (आईएमसीटी) सिक्किम पहुंच गया है। सिक्किम सरकार को आवश्यक अतिरिक्त केंद्रीय सहायता जारी की जा रही है।
सिक्किम के मुख्य सचिव ने बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में सड़क संपर्क स्थापित हो चुका है। मौसम की स्थिति में सुधार के परिणामस्वरूप फंसे हुए लोगों को निकालने और हवाई मार्ग से निकालना संभव हो गया है। सोमवार की सुबह 80 लोगों को निकाला गया है। 28 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 6,800 से अधिक लोगों ने शरण ली है। प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाएं और एलपीजी सहित सभी आवश्यक आपूर्ति की जा रही है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक ने समिति को बताया कि बचाव और राहत कार्यों के लिए राज्य में 6 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एनडीआरएफ की 3 रिजर्व टीमें सिलीगुड़ी में स्टैंडबाय पर उपलब्ध हैं। बचाव और बहाली प्रयासों में राज्य की सहायता के लिए सेना और वायु सेना की पर्याप्त संख्या में टीमें और संपत्ति तैनात की गई हैं। आईएमडी के महानिदेशक ने बताया कि 11 से 13 अक्टूबर तक मौसम का पूर्वानुमान अनुकूल रहने की संभावना है।
बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, सिक्किम के मुख्य सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, सैन्य मामलों के सचिव, सदस्य सचिव, एनडीएमए, सीआईएससी आईडीएस, डीजी एनडीआरएफ, डीजीएमओ, डीजी आईएमडी, डीडीजी बीआरओ ने भाग लिया। गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।
