निठारी कांड में अपराध की फिर होनी चाहिए जांच: शान्ता कुमार

हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक निर्णय में 17 साल पुराने बलात्कार और हत्या के 12 मामलों में मृत्युदण्ड की सजा पाए व्यक्तियों को पूरी तरह से मुक्त कर दिया। इस निर्णय से पीड़ित परिवारों कमें दुख और गुस्सा व्याप्त है। शांता ने निठारी कांड की दोबारा जांच करने की मांग की है।
शान्ता कुमार ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश में 17 साल पहले कुछ नाबालिग बच्चों के लगातार गुम होने के कारण लोगों में चिन्ता व्याप्त हुई। नाबालिग लड़कियों के गुम होने के बाद उनका पता नहीं लगता था। कुछ साल के बाद उस क्षेत्र के एक प्रभावशाली व्यक्ति महेन्द्र सिंह पंढेर और उसके नौकर कोहली को पकड़ा गया। उन पर आरोप था कि वे बच्चों को चुरा कर उनसे बलात्कार करते थे और फिर हत्या कर देते थे। उनके मकान के आसपास उन बच्चों के शरीर के अंग भी मिले थे। इस अपराध से पूरे इलाके में बहुत चिन्ता और रोष व्याप्त हुआ था।
शान्ता कुमार ने कहा उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे और उनके भाई शिवपाल यादव मन्त्रि मण्डल में कैबिनट मंत्री थे। शिवपाल यादव ने इस घटना को छोटी मोटी घटना कहा था। उन्होंने कहा इस मुकदमे को सीबीआई ने अपने हाथ में लिया और सीबीआई कोर्ट ने कोहली का 12 मुकदमों में मृत्युदण्ड की सजा दी। उसके मालिक महेन्द्र सिंह पंढेर को दो मामलों में मृत्यु दण्ड की सजा दी गई। नाबालिक बच्चों के साथ बलात्कार और फिर उनकी हत्या करने का अपराध सिद्ध हुआ था।
शान्ता कुमार ने कहा कि 17 साल के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि अपराधियों के विरुद्ध पर्याप्त प्रमाण नही हैं। अपराध की खोज ठीक तरीके से नही की गई। पूरी गवाहियों में पूरी तरह से अपराध सिद्ध नहीं होता इसलिए दोनों अपराधियों को मुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि छोटी नाबालिग लड़कियां काे चुराकर उनसे बलात्कार करके उनकी हत्या करना एक भयंकर अपराध है। सीबीआई जांच में भी क्यों कमिया रखीं और उस समय की सरकार के मंत्री ने इसे छोटी मोटी घटना क्यों कहा। 17 साल के बाद ऐसे अपराधियों को मुक्त करना समझ नहीं आता है।
