कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी चाहिए: शान्ता कुमार

 कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी चाहिए: शान्ता कुमार

शिमला, 17 जुलाई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि कश्मीर की आतंकवाद की आग अब जम्मू में भी सुलगने लगी है। यह दुर्भाग्य का विषय है कि पाकिस्तान लम्बे समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के नाम से एक छिपा युद्ध लड़ रहा है। अब पाकिस्तान के इस आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत को बड़ी लड़ाई लड़नी चाहिए। साथ ही सबसे पहले स्थानीय मददगार गद्दारों की पहचान कर उन्हें फांसी या उम्र कैद देनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने बुधवार काे एक बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान दिवालिया हो गया। आटे तक के लिए तरस रहा है, परन्तु दुर्भाग्य यह है कि आतंकवाद के लिए दुनिया के कुछ मुस्लिम देश पाकिस्तान को खुला पैसा दे रहे है। धन के लालच में जम्मू-कश्मीर के कुछ स्थानीय निवासी आतंकवाद की मदद करते है। पिछले दिनों की घटनाओं से यह सिद्ध होता है कि स्थानीय मददगार गद्दारों के बिना ऐसी घटनाएं नही हो सकती थी।

यह दुर्भाग्य का विषय है कि पाकिस्तान लम्बे समय से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के नाम से एक छिपा युद्ध लड़ रहा है।अब कश्मीर घाटी का आतंकवाद जम्मू में भी फैल रहा है। वर्ष 1990 से लेकर अब तक 6480 सैनिक और 38,720 निर्दोष लाेग इस आतंकवाद की भेंट चढ़ चुके हैं। एक इलाके में इतने लाेगाें का मारा जाना भारत के लिए दुर्भाग्य भी है और चुनौती भी है।

भाजपा नेता शान्ता कुमार ने कहा कि पाकिस्तान संरक्षित इस आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अब भारत को एक बड़ी लड़ाई लड़नी चाहिए। इससे पहले आतंकवादियाें की मदद करने वाले स्थानीय गद्दारों की पहचान कर उन्हें फांसी या उम्र कैद देनी चाहिए। उन्हाेंने कहा कि अंग्रेजाें ने देशभक्ताें काे काला पानी की सजा के लिए जाे जेल बनाई थी, वहींं इन देशद्रोहियों के लिए एक जेल बनाई जाए। उन्हाेंने कहा कि भारत के पास 10 लाख से अधिक सैनिक हैं। सेना को खुली छूट देकर एक निश्चित अवधि में पाकिस्तान के इस आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि वर्ष 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और वालाकोट की एयर स्ट्राइक कर भारत ने कुछ विशेष करके दिखाया था। अब बड़े स्तर पर इस आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने का काम सरकार को करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कैप्टन थापा की मां ने अपने बलिदानी बेटे के पार्थिव शरीर को देख कर कहा था कि, ”बेटे को सीमा पर नही भेजेंगे तो देश के लिए कौन लड़ेगा।“ इस मां के ऐसे शब्दों के लिए उन्हें पूरा राष्ट्र नमन करता है।

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