मेरठ शिव मंदिर में मुर्गे का मांस फेंकने का सनसनीखेज मामला: नशेड़ी जावेद गिरफ्तार, सौहार्द बचाने में जुटी पुलिस
मेरठ, 6 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के जानी थाना क्षेत्र में शिव मंदिर के अंदर मुर्गे के मांस के अवशेष मिलने से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने बड़े विवाद को टाल दिया। आरोपी जावेद को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो नशे की आदी है और कबूल किया कि नशे में उसने यह कृत्य किया। क्या यह धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की साजिश थी? आइए, इस संवेदनशील घटना की पूरी परतें खोलते हैं।
मंदिर में मीट के अवशेष: लोगों का आक्रोश, विरोध प्रदर्शन
जानी खुर्द गांव के बम्बा स्थित शिव मंदिर में सुबह पूजा-अर्चना के दौरान मुर्गे के मांस के टुकड़े और पंख मिले। मंदिर समिति के सदस्यों ने तुरंत स्थानीय लोगों को सूचना दी, जिसके बाद सैकड़ों ग्रामीण मंदिर पहुंचे। उनका कहना था, “हमारी आस्था पर हमला है। असामाजिक तत्व सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं।” हिंदू संगठनों ने विरोध जताया, और माहौल गरमाने लगा। एक ग्रामीण ने कहा, “यह जानबूझकर किया गया लगता है।” घटना इतनी संवेदनशील थी कि अफवाहें फैलने लगीं, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मंदिर परिसर को साफ करवाया। क्षेत्राधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि तत्काल फोर्स तैनात की गई ताकि शांति बनी रहे।
आरोपी जावेद की गिरफ्तारी: नशे में किया कृत्य, कबूल किया अपराध
पुलिस ने आसपास छानबीन शुरू की, जिसमें CCTV फुटेज और गवाहों के बयानों से जावेद नामक युवक पर शक हुआ। जानी क्षेत्र का निवासी जावेद, जो नशे का आदी है, हिरासत में लिया गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि नशे की हालत में उसने मुर्गे के दोनों बाजू पंख सहित मंदिर में फेंक दिए। पुलिस ने कहा, “यह व्यक्तिगत लापरवाही लगता है, लेकिन भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला अपराध है।” जावेद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। थाने पर धारा 298/299 BNS (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। एसएसपी मेरठ ने कहा, “सौहार्द बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।” जावेद का इतिहास नशे से जुड़ा है, और पुलिस अब उसके साथियों की जांच कर रही है।
सौहार्द बचाने की चुनौती: पुलिस की त्वरित कार्रवाई से टला बड़ा विवाद
यह घटना मेरठ जैसे संवेदनशील जिले में धार्मिक तनाव पैदा कर सकती थी, जहां पहले भी ऐसे मामले हुए हैं। लेकिन पुलिस की फौरन कार्रवाई ने स्थिति संभाल ली। मंदिर में शुद्धिकरण करवाया गया, और ग्रामीणों को आश्वासन दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ऐसी घटनाएं सौहार्द को चुनौती देती हैं, लेकिन हम अलर्ट हैं।” NCRB डेटा बताता है कि UP में धार्मिक विवादों के मामले बढ़े हैं, लेकिन त्वरित रेस्पॉन्स से हानि रोकी जा सकती है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की तारीफ की, लेकिन चेतावनी दी कि साजिशों पर नजर रखें। क्या यह नशे की लापरवाही थी या कुछ और? जांच जारी है।
