एसवाईएल नहर मामले में पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार कहा- राजनीति न करें

सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से कहा कि इस मामले में राजनीति ना करें। हमें मजबूर ना करें कि हम इस मामले में कोई सख्त आदेश जारी करें। सुप्रीम कोर्ट जनवरी 2024 में अगली सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की मर्यादा का पालन करे। हम दो दशक से सतलुज यमुना लिंक नहर का निर्माण नहीं होने से चिंतित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन जिम्मेदारी सौंपी। कोर्ट ने कहा कि केंद्र नहर की जमीन का सर्वे करे। केंद्र सरकार ये भी बताए कि कितना निर्माण काम हो चुका है। कोर्ट ने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार सुलह को लेकर दोनों राज्यों के बीच बात करती रहे।
23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। दोनों राज्यों को मिलकर मामले का हल निकालना होगा। आखिरकार दोनों इसी देश के राज्य हैं। दोनों राज्य बैठक कर मामले का हल निकालें। साथ ही केंद्र को भी इस मुद्दे पर मध्यस्थ के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश देते हुए दो महीने में हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
एसवाईएल नहर से जल बंटवारे के विवाद पर 2004 में राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई सलाह पर संविधान पीठ के पांचों जजों ने कहा था कि पंजाब हरियाणा से जल बंटवारे पर एकतरफा संधि निरस्त नहीं कर सकता। कोर्ट ने पंजाब विधानसभा द्वारा संधि निरस्त करने के प्रस्ताव को भी सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी बताया था।
