अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में समीर मिन्हास का प्रचंड तूफान: 172 रनों की ऐतिहासिक पारी से तोड़ा सामी असलम का 13 साल पुराना रिकॉर्ड
दुबई: क्रिकेट की दुनिया में जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होता है, तो दबाव और उम्मीदें अपने चरम पर होती हैं। लेकिन दुबई के मैदान पर खेले गए अंडर-19 एशिया कप 2025 के हाई-वोल्टेज फाइनल में पाकिस्तान के युवा सलामी बल्लेबाज समीर मिन्हास ने जो किया, उसने क्रिकेट जगत को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया है। मिन्हास ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए महज 113 गेंदों में 172 रनों की ऐसी पारी खेली, जिसने इतिहास के पन्नों को पूरी तरह से पलट कर रख दिया। यह न केवल इस टूर्नामेंट के इतिहास की सबसे बड़ी पारी है, बल्कि इसने पाकिस्तान के ही दिग्गज सामी असलम के कई वर्षों पुराने कीर्तिमानों को भी ध्वस्त कर दिया है।
शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाजों पर बोला हमला
मैच की पहली गेंद से ही समीर मिन्हास के इरादे साफ नजर आ रहे थे। उन्होंने भारतीय तेज गेंदबाजों की गति का बखूबी इस्तेमाल किया और मैदान के चारों ओर शॉट्स की बौछार कर दी। मिन्हास ने शुरुआत से ही भारतीय स्पिनर्स और तेज गेंदबाजों को सेट होने का कोई मौका नहीं दिया। उनकी आक्रामकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने महज 29 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया था। भारतीय कप्तान ने फील्डिंग में कई बदलाव किए और गेंदबाजी के मोर्चे पर भी प्रयोग किए, लेकिन मिन्हास के पास हर गेंद का जवाब था। अर्धशतक के बाद उनकी बल्लेबाजी और भी निखर गई और उन्होंने महज 71 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। इस टूर्नामेंट में यह उनका दूसरा शतक था, जो उनकी निरंतरता और क्लास को दर्शाता है।
फाइनल के इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर
अंडर-19 एशिया कप के फाइनल जैसे बड़े मंच पर अमूमन बल्लेबाज संभलकर खेलने की कोशिश करते हैं, लेकिन मिन्हास ने जोखिम उठाते हुए आक्रामक रुख अपनाए रखा। 113 गेंदों की अपनी पारी में उन्होंने 17 चौके और 9 गगनचुंबी छक्के जड़े। इस पारी के साथ ही वह अंडर-19 एशिया कप के फाइनल में सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाने वाले बल्लेबाज बन गए। उन्होंने साल 2012 के फाइनल में पाकिस्तान के ही सामी असलम द्वारा बनाए गए 134 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। जैसे ही मिन्हास ने 135 रन का आंकड़ा पार किया, दुबई का स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। वह फाइनल के इतिहास में 150 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज भी बने। उनकी बल्लेबाजी देखकर लग रहा था कि वह आज दोहरा शतक जड़कर ही दम लेंगे, लेकिन दीपेश देवेंद्र की एक गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में वह 172 रन पर आउट हो गए।
सामी असलम के 13 साल पुराने कई रिकॉर्ड्स का अंत
समीर मिन्हास की यह पारी केवल एक मैच की सफलता नहीं थी, बल्कि यह उनके पूरे टूर्नामेंट के शानदार फॉर्म का चरमोत्कर्ष था। इस पारी के दम पर उन्होंने सामी असलम के एक नहीं बल्कि दो बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए। पहला रिकॉर्ड तो फाइनल में सर्वोच्च स्कोर का था, लेकिन दूसरा रिकॉर्ड इससे भी बड़ा था। मिन्हास अब अंडर-19 एशिया कप के किसी एक संस्करण में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। साल 2012 में सामी असलम ने 461 रन बनाए थे, जो पिछले 13 वर्षों से एक अटूट रिकॉर्ड माना जा रहा था। मिन्हास ने 2025 के इस सत्र में महज पांच पारियों में 471 रन बनाकर इस रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया। इस दौरान उन्होंने दो शानदार शतक और एक अर्धशतक भी लगाया।
अंडर-19 एशिया कप के सबसे सफल बल्लेबाजों की सूची में शीर्ष पर
यदि हम अंडर-19 एशिया कप के इतिहास पर नजर डालें, तो समीर मिन्हास का नाम अब स्वर्ण अक्षरों में लिखा जा चुका है। फाइनल में उनके 172 रनों के बाद इस सूची में दूसरे स्थान पर सामी असलम (134 रन) हैं। उनके बाद बांग्लादेश के आशिकुर रहमान शिबली का नाम आता है, जिन्होंने 2023 में यूएई के खिलाफ 129 रन बनाए थे। भारत की ओर से उन्मुक्त चंद ने 2012 के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 121 रनों की यादगार पारी खेली थी, जो अब चौथे स्थान पर खिसक गई है। मिन्हास ने न केवल रनों के मामले में बल्कि स्ट्राइक रेट के मामले में भी नए मानक स्थापित किए हैं। वह इस टूर्नामेंट में सबसे तेज शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में भी दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं, जहां फिलहाल भारत के वैभव सूर्यवंशी शीर्ष पर काबिज हैं।
भविष्य के उभरते सितारे के रूप में पहचान
समीर मिन्हास की इस पारी ने यह साबित कर दिया है कि पाकिस्तान के पास आने वाले समय के लिए एक बेहतरीन बल्लेबाजी प्रतिभा मौजूद है। जिस तरह से उन्होंने दबाव वाले मैच में भारतीय गेंदबाजों का सामना किया, उसने दिग्गजों को भी प्रभावित किया है। उनकी तकनीक, पावर-हिटिंग की क्षमता और पारी को बुनने की समझ उन्हें अपनी उम्र के अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है। 172 रनों की यह पारी केवल पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि अंडर-19 क्रिकेट के इतिहास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि यदि मिन्हास इसी तरह का प्रदर्शन जारी रखते हैं, तो वह जल्द ही पाकिस्तान की सीनियर टीम के दरवाजे खटखटाते नजर आएंगे।