• December 27, 2025

रवींद्र शर्मा की ढपली की थाप पर सिर पर तसला रखकर झूम उठी थीं साध्वी ऋतंभरा

 रवींद्र शर्मा की ढपली की थाप पर सिर पर तसला रखकर झूम उठी थीं साध्वी ऋतंभरा

राम मंदिर आंदोलन में पत्नी व बेटा के साथ गिरफ्तारी देने वाले रविन्द्र शर्मा (ढपली) का कहना है कि मैं खुशनसीब हूं कि मेरी ढपली की थाप पर साध्वी ऋतंभरा सिर पर गिट्टी से भरा तसला रखकर नृत्य करने लगी थीं। आज पांच सौ वर्ष के हिंदू समाज के संघर्ष के बाद 22 जनवरी को रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होगी। निश्चित ही यह हमारे लिए खुशी का दिन है और हमें इसी दिन का इंतजार था।

फिरोजाबाद शहर के तिलक नगर निवासी रवींद्र शर्मा बताते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने जब रामलला के दरबार का ताला खुलवा दिया तो दर्शन करने के लिए हिंदुओं का रेला जाता रहा। मुलायम सिंह यादव जब मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने रोक लगाई तो रामभक्त कहां मानने वाले थे। राम मंदिर के लिए मरने मारने वाले रामभक्त विवादित ढांचे के बराबर में कारसेवा करने लगे थे। उनका कहना है कि मेरा सौभाग्य था कि जिस दिन विवादित ढांचा गिरा में भी वहां मौजूद था। उस समय डॉ. मुरली मनोहर जोशी, साध्वी उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा समेत अनेक नेता भी मौजूद थे। राम चबूतरा के निर्माण के दौरान मै अपनी पत्नी सर्वेश मिश्रा, बड़े बेटे तरुण शर्मा के साथ अयोध्या में था। वहां हम तीनों की गिरफ्तारी हुई थी। शाम को मुचलके पर हमे रिहा कर दिया था।

उन्होंने बताया कि अगले दिन कारसेवक ढांचे के पास जमा हुए। जिसका नेतृत्व विनय कटियार कर रहे थे। मैं खुशनसीब हूं कि मेरी ढपली की थाप पर साध्वी ऋतंभरा सिर पर गिट्टी से भरा तसला रखकर नृत्य करने लगी थीं। हमारी कारसेवा को देखकर खुशी से गीत गाने लगी थीं। दूसरे दिन कारसेवकों की लाइन लगाकर गिरफ्तारी की गई थी। फिर उसी दिन शाम को रिहाई हुई। मुख्यमंत्री बार-बार पोजीशन लेने की बात कह रहे थे। अधिकारी यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता कि रिपोर्ट दे रहे थे। अफसरों ने रिपोर्ट दी कि लाखों लोग अयोध्या में घुस आएं हैं तभी मुलायम सिंह ने गोली चलाने के आदेश दे दिए थे। इसमें सीधे फायर कारसेवकों पर की गई थी। अपनी मां के साथ राम कोठारी व शरद कोठारी आए थे। वे हनुमान गढ़ी के पास थे। इसी दौरान गोली लगने से दोनों भाई शहीद हो गए। इसके बाद भी कारसेवक रुके नहीं और ढांचे को गिराने के साथ केसरिया ध्वज फहराने का काम किया था।

इस दौरान उनके साथ सुशील मिश्रा, अनिल मिश्रा एवं शिवचरनलाल भारती भी थे। इसके बाद प्रवीण प्रताप सिंह, प्रमोद सैनी के साथ रामपुर जेल में 15 दिन तक रहना पड़ा था। शहर में आंदोलन के दौरान मुझे गिरफ्तार किया था लेकिन आज खुशी है कि मेरे जैसे लाखों रामभक्त की मेहनत रंग लाई और अयोध्या में भव्य राममंदिर बन गया। और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी।

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